23 Aug, 2024
National Space Day पर देखिए ISRO का साइकिल से चांद तक का सफर
ISRO ने 23 अगस्त 2023 को चांद पर विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग कर इतिहास रचा था।
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पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता का सम्मान करते हुए 23 अगस्त को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया था।
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि ISRO का जमीन से आसमान और आसमान के पार जाने का सफर आसान नहीं था?
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भारत ने अपना स्पेस रिसर्च प्रोग्राम 1962 में शुरू किया था। काफी वक्त तक ISRO ने सीमित संसाधनों के साथ काम किया।
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एक ऐसा समय भी था जब ISRO को अपने रॉकेट ले जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करना पड़ा था।
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डॉ. विक्रम साराभाई ने 1962 में इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च (INCOSPAR) बनाई। 15 अगस्त 1969 इसका नाम इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) कर दिया गया।
भारत ने अपना पहला रॉकेट 21 नवंबर 1963 को लॉन्च किया था। डॉ. होमी भाभा, डॉ. विक्रम साराभाई जैसे एलीट साइंटिस्ट्स की मौजूदगी में ये रॉकेट लॉन्च हुआ था।
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रॉकेट की लॉन्चिंग के लिए एक चर्च को लैब बनाया गया था। तब रॉकेट के पार्ट्स को साइकिल से लॉन्च पैड तक ले जाया गया।
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साल 1981 में भारत ने जब अपना छठा सैटेलाइट एप्पल लॉन्च किया था, तब पेलोड को बैलगाड़ी से ले जाना पड़ा था।
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