20 Aug, 2024

बिना एग्जाम दिए सीधे IAS, जानें क्या है लेटरल एंट्री ?

देश की नौकरशाही में 45 पदों को लेटरल एंट्री के जरिए भरने का विज्ञापन UPSC ने जारी किया है। इसमें निदेशक, संयुक्त सचिव और उप-सचिव जैसे पद शामिल हैं।


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लेटरल एंट्री प्राइवेट सेक्टर के एक्सपर्ट को UPSC परीक्षा दिए बिना IAS में शामिल होने की अनुमति देती है। ये सरकार के उच्च स्तरीय पदों में सीधे भर्ती से विषय की विशेषज्ञता लाती है।


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लेटरल एंट्रीज़ को अक्सर संयुक्त सचिव पद पर नियुक्त किया जाता है, जो नीति निर्माण और कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण पद है।


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लेटरल एंट्री के लिए उम्मीदवार को आमतौर पर अपने क्षेत्र में 15 से 20 साल का अनुभव होना चाहिए।


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लेटरल एंट्री सरकारी सिस्टम में दक्षता बढ़ाने और प्रशासन प्रणाली में नए विचारों को पेश करने में मदद करती है।


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लेटरल एंट्री में IAS जैसी चयन प्रक्रिया नहीं होती, बल्कि इसमें एक कमेटी योग्यता और अनुभव के आधार पर उम्मीदवार को चुनती है।


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कई लेटरल एंट्रीज़ प्राइवेट सेक्टर के बैकग्राउंड से आते हैं, जो फाइनेंस, तकनीक, शिक्षा और कानून जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्रदान करते हैं।


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कई लोग लेटरल एंट्री को जरुरी सुधार के रूप में देखते हैं। यह सिविल सेवा को आधुनिक बनाने और शासन की चुनौतियों से निपटने के लिए अच्छा कदम है।


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जबकि कई संगठनों का मानना है कि सरकार लेटरल एंट्री के जरिए अपने पसंदीदा लोगों को लाती है और आरक्षण व्यवस्था को दरकिनार कर दिया जाता है।


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