Friday 22nd of November 2024

बचपन में मोटापे से परेशान नीरज चोपड़ा कैसे बनें 'Golden Boy'...जानिए पानीपत टू पेरिस तक की कहानी

Reported by: PTC Bharat Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  August 11th 2024 04:57 PM  |  Updated: August 11th 2024 04:57 PM

बचपन में मोटापे से परेशान नीरज चोपड़ा कैसे बनें 'Golden Boy'...जानिए पानीपत टू पेरिस तक की कहानी

ब्यूरोः बहुत कम ही ऐसा होता है जब दो अलग देशों के खिलाड़ियों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर एक ही झंडे के नीचे देखा जाए। क्रिकेट मैच के दौरान एक-दूसरे को दुश्मन मानने वाले भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों और फैंस के लिए तो ऐसा सोचना भी शायद संभव न हो। लेकिन भारत के जैवलिन थ्रो प्लेयर नीरज चोपड़ा ने अमन और भाईचारे का संदेश देते हुए, ऐसा कर दिखाया। हरियाणा के हीरो नीरज चोपड़ा गोल्डन बॉय के नाम से मशहूर हैं और दो ओलंपिक में लगातार मेडल जीतने चुके हैं।

खेलों के लिए जाने जाने वाले हरियाणा में हुआ नीरज का जन्म

तारीख थी 24 दिसंबर और साल था 1997 इसी दिन हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव में नीरज का जन्म हुआ। नीरज एक छोटे किसान परिवार से आते हैं। उनके पिता सतीश कुमार चोपड़ा एक किसान हैं, और उनकी मां सरोज देवी एक गृहिणी हैं। नीरज की दो बहनें भी हैं। हरियाणा से आने वाले नीरज की रुचि बचपन से ही खेलों थी, लेकिन उनके गांव में खेल की सुविधाओं की कमी थी। नीरज बचपन में अपने बढ़ते वजन से परेशान थे। 

बढ़ते वजन के कारण शुरू किया स्टेडियम जाना

जितने फिट और फुर्टीले नीरज आज दिखते हैं बचपन में ऐसे नही थे... 11 साल के भारी भरकम नीरज को उनके परिवार ने वजन कम करने के लिए खेलों में शामिल होने के लिए कहा..यहां से नीरज की खेल यात्रा का आगाज होता है। 11 साल की उम्र से ही नीरज के परिवार वालों ने उन्हें स्टेडियम भेजना शुरु कर दिया था। नीरज पानीपत के शिवाजी स्टेडियम जाने लगे। नीरज का वजन ज्यादा था इसलिए उनमें आलास भी भरा हुआ था। स्टेडियम में नीरज रनिंग करने के बजाए वॉक करते थे।  

क्या हुआ जब पहली बार फेंका भाला

उसी स्टेडियम में नीरज की मुलाकात एक दिन नेशनल जैवलिन थ्रोवर जय चौधरी उर्फ जयवीर से हुई। एक बार जयवीर ने उन्हें भाला फेंकने को कहा... पहली बार हाथ में भाला आने के बाद नीरज ने जब उसे फेंका तो जयवीर दंग रह गए। जयवीर ने बताया था कि नीरज ने पहले ही प्रयास में 40 मीटर दूर भाला फेंक दिया... किसी भी नए खिलाड़ी के लिए ये शानदार थ्रो था। नीरज को पता चल गया था कि उन्हें आगे क्या करना है। जब नीरज ने जैवलिन थ्रो में करियर बनाने की सोची तो उनके परिवार वाले हैरान हो गए... लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा होगा कि नीरज की यही जिद पूरी दुनियां में नीरज और भारत का लौहा मनवाएगी। 

साल 2011 में शुरू की जैवलीन की जर्नी 

साल 2011 में बेहतर सुविधा के लिए नीरज और जयवीर चौधरी पंचकुला शिफ्ट कर गए। ताउ देवीलाल स्पोर्ट कॉप्लेक्स में नीरज ने अपने टेलेंट को निखारा। नीरज ने स्टेट लेवल जूनियर चैंपियनशिप और जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।  साल 2013 में नीरज ने युक्रेन में हुए वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। यहां उनके हाथ कोई सफलता तो नही लगी लेकिन वो आगे के लिए तैयार हो चुके थे। 

जब नीरज ने जीता पहला इंटरनेशनल मेडल

साल 2014 में नीरज ने बैंकॉक में हुए यूथ ओलंपिक के क्वालिफिकेशन में सिलवर मेडल हासिल किया। साल 2016 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप जोकि पौलेंड में होनी थी उसमें नीरज से एक मेडल की उम्मीद की जा रही थी। इस टूर्नामेंट में नीरज ने 86.48 मीटर तक भाला फेंक इंटरनेशनल रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। नीरज के लगातार रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय सेना ने उन्हें जूनियर कमिशन ऑफिसर बनाते हुए नायब सूबेदार की पदवी दे दी। इस बीच नीरज ने साउथ एशियन गेम्स और एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। 2019 में नीरज को कंधे की चोट के कारण सर्जरी करवानी पड़ी जिसकी वजह से वो खेलों से दूर हो गए। जनवरी 2020 में 87.86 मीटर दूर भाला फेंक नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में अपनी जगह बनाई। कोरोना के कारण नीरज खेलों से दूर हो गए। लेकिन टोक्यो ओलंपिक के 7 अगस्त 2021 के जैवलिन थ्रो के मुकाबले में नीरज ने इतिहास रच दिया। 87.58 मीटर दूर भाला फेंक नीरज ने देश के नाम गोल्ड मेडल हासिल कर लिया।  

देखिये ये वीडियो 

गोल्डन बॉय नीरज का है अभी भी जमीन से जुड़ाव

नीरज भले ही कामयाबी के चरम पर पहुंच चुके हों लेकिन उनका जुड़ाव जमीन से बना हुआ है। घमंड, गुरुर और गुस्सा मानों उनकी डिक्शनरी में है ही नहीं। खेल भावना तो नीरज की रोम रोम में समाया हुआ है। इसके एक नहीं कई उदाहरण है। पेरिस ओलंपिक 2024 में नीरज गोल्ड से चूक गए और पाकिस्तान के अरशद नदीम ने गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। तब मीडिया से बात करते हुए नीरज ने जलन की भावना से दूर अरशद की कड़ी मेहनत और लगन की खूब तारीफ की। नीरज भले ही गोल्ड से चूक गए लेकिन अरशद के बारे में उन्होंने जो बोला वो कोई गोल्डन बॉय ही बोल सकता है। 

देखिये ये वीडियो 

टोक्यो ओलंपिक 2020 के ठीक बाद अरशद ने जब नीरज के जैवलिन से प्रैक्टिस की तो वो विवादों में आ गए। सोशल मीडिया पर ट्रोल आर्मी ने उनपर जैवलिन से छेड़छाड़ का आरोप लगा दिया। लेकिन नीरज ने नदीम का पक्ष लेते हुए ट्रोलर्स के मूंह बंद कर दिये। साल 2023 में हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज ने गोल्ड मेडल हासिल किया। तब फोटो सेशन के दौरान उन्हें अरशद के साथ फोटो खिंचवाने के लिए कहा गया। दरअसल दोनो को अपने राष्ट्रीय ध्वज के साथ फोटो क्लिक करवानी थी। उस वक्त अरशद अपने राष्ट्रीय झंडे की तलाश करते हुए नजर आए। लेकिन नीरज ने उन्हें साथ आने के लिए कहा। एक ही फ्रेम में तिरंगे के साथ दोनो की वो फोटो सोशल मीडिया पर लोगों ने काफी पसंद की। नीरज का अपने देश, अपनी संस्कृति, अपनी माटी और अपनी भाषा के प्रति विशेष लगाव है। हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान जब एक पत्रकार ने उनसे अंग्रेजी में सवाल किया तो नीरज ने सवाल को हिंदी में दोहराने के लिए कहा और अपना उत्तर भी हिंदी में दिया। इतना ही नहीं करोड़ों के मालिक नीरज ने अभी भी अपनी जन्मभूमी नहीं छोड़ी है। इतनी शानो-शोक्त हासिल करने के बाद भी नीरज किसी शहर में नहीं रहते उन्होंने अपना नया मकान पानीपत के खांद्रा गांव में ही बनवाया। 

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