ब्यूरोः हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है रक्षाबंधन, इसे भाई-बहनों के प्रेम, स्नेह और रक्षा के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दिन शुभमुहूर्त में बहने अपने भाइयों को तिलक कर उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं। बहने भाई से अपनी रक्षा का वचन लेती हैं और उनकी तरक्की की कामना करती हैं। भाई राखी बंधनवाने के बाद बहन को गिफ्ट देते हैं। राखी बांधते समय विशेष रुप से शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए,
रक्षाबंधन का मुहूर्त 2024
सावन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत- सोमवार, 19 अगस्त को सुबह 3:04 से
सावन पूर्णिमा तिथि का समापन- सोमवार, 19 अगस्त को दोपहर 11:55 पर
रक्षाबंधन पर 7 घंटे से ज्यादा तक भद्रा का साया
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार रक्षाबंधन पर सुबह में भद्रा लग जा रही है। भद्रा सुबह 05:53 से दोपहर 01:32 तक रहेगी। इस भद्रा का वास स्थान धरती से नीचे पाताल लोक में है। अब कुछ लोगों मानना है कि पाताल की भद्रा को नजरअंदाज कर सकते हैं।
लेकिन ज्योतिषी की मानें तो भद्रा कहीं की भी हो, वह अशुभ फलदायी होती है। लोग अपनी सुविधा के अनुसार ऐसा बोल देते हैं कि पाताल की भद्रा अशुभ प्रभाव नहीं डालती है, हालांकि ऐसा नहीं करना चाहिए।
राखी बांधने का सही समय
रक्षाबंधन 19 अगस्त को है, इस दिन राखी बांधने का सही समय दोपहर में ही है। राखी बांधने का सही समय दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से रात 9 बजकर 8 मिनट के बीच का है।
राखी बांधने के लिए ये 2 समय हैं वर्जित
धार्मिक शास्त्रों की मानें तो रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने के लिए दो समय का हमेशा त्याग करना चाहिए। पहला है भद्रा और दूसरा है राहुकाल, ये दोनों की अशुभ हैं। इन दोनों समय में कभी भी राखी नहीं बांधनी चाहिए। रक्षाबंधन के दिन राहुकाल सुबह में 07:31 से 09:08 तक है।