ब्यूरोः कट्टरपंथी सिख उपदेशक और खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह ने शुक्रवार (19 जुलाई) को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया और हिरासत सहित राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत उनके खिलाफ पूरी कार्रवाई को रद्द करने की मांग की है। बता दें, अमृतपाल सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम के डिब्रूगढ़ जिले की जेल में बंद हैं।
याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया कि उनकी हिरासत अवैध है और इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने उल्लेख किया कि इससे याचिकाकर्ता को प्रमुख राजनीतिक मुद्दों पर राज्य और केंद्र सरकारों के खिलाफ मुखर होने के लिए दंडित करने के अलावा कोई उद्देश्य पूरा नहीं होता है, जो इस देश के प्रत्येक नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है।
सिंह ने याचिका में कहा कि हिरासत का आधार मुख्य रूप से दुनिया भर के विभिन्न व्यक्तियों द्वारा अपलोड किए गए सोशल मीडिया पोस्ट पर आधारित है, जिसका पंजाब राज्य में शायद ही कोई प्रभाव है और संभवतः भारत राज्य की सुरक्षा इतनी कमजोर नहीं हो सकती कि सोशल मीडिया पोस्ट से प्रभावित हो।
इसमें यह भी दावा किया गया है कि याचिकाकर्ता के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार को न केवल एक वर्ष से अधिक समय तक निवारक निरोध अधिनियम लागू करके असामान्य और क्रूर तरीके से पूरी तरह से छीन लिया गया है, बल्कि उसे उसके गृह राज्य, घर, दोस्तों से दूर हिरासत में रखा गया है, जो इसे अनावश्यक रूप से कठोर और प्रतिशोधी बनाता है क्योंकि उसके घर और हिरासत के राज्य के बीच की दूरी लगभग 2,600 किमी है।
अमृतपाल सिंह को कब पकड़ा गया?
अमृतपाल सिंह को मोगा के रोडे गांव में गिरफ्तार किया गया था, जब वे और उनके समर्थक पिछले साल 23 फरवरी को अजनाला पुलिस स्टेशन में घुस गए थे, बैरिकेड तोड़ दिए थे, तलवारें और बंदूकें लहराई थीं और हिरासत से अपने एक सहयोगी को छुड़ाने के प्रयास में पुलिस कर्मियों से भिड़ गए थे।
अमृतपाल पंजाब के खडूर साहिब से सांसद चुने गए थे। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में वह अपनी संसदीय सीट से चुनाव हार गए थे। इस महीने की शुरुआत में उन्हें संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए चार दिन की हिरासत पैरोल पर दिल्ली लाया गया था।