Saturday 6th of July 2024

Sawan Somvar Vrat 2024: 22 जुलाई से सावन शुरू, जानें सबसे पहले किसने रखा था ‘श्रावण सोमवार का व्रत’

Reported by: PTC Bharat Desk  |  Edited by: Rahul Rana  |  June 19th 2024 01:12 PM  |  Updated: June 19th 2024 01:20 PM

Sawan Somvar Vrat 2024: 22 जुलाई से सावन शुरू, जानें सबसे पहले किसने रखा था ‘श्रावण सोमवार का व्रत’

ब्यूरो: सावन का महीना शुभ और पवित्र माना जाता है। यह भगवान शिव को समर्पित है। भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। सावन में सावन सोमवार व्रत का विशेष महत्व होता है। भगवान शिव के भक्तों को सावन महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अगर भक्त यह व्रत रखते हैं तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस साल आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई से शुरू हो रही है। ऐसे में अगले दिन यानी 22 जुलाई से श्रावण मास शुरू हो रहा है। श्रावण मास का पहला सोमवार व्रत भी 22 जुलाई को है। श्रावण मास में सोमवार व्रत, श्रावण शिवरात्रि और मंगला गौरी व्रत का भी विशेष महत्व है। सावन सोमवार व्रत से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी। इस साल कुल पांच सावन सोमवार व्रत पड़ रहे हैं। यह पवित्र महीना 19 अगस्त को समाप्त होगा। इसकी शुरुआत सोमवार व्रत से होगी और समापन भी सोमवार व्रत से ही होगा। इस वर्ष श्रावण मास की शुरुआत सावन नक्षत्र और प्रीति योग में होगी।

सावन माह के पहले दिन सुबह से शाम 5:58 बजे तक प्रीति योग रहेगा। श्रवण नक्षत्र सुबह से रात 10:21 बजे तक रहेगा।

सावन सोमवार व्रत की तिथियां इस प्रकार हैं:

1. पहला सावन सोमवार व्रत – 22 जुलाई

2. दूसरा सावन सोमवार व्रत – 29 जुलाई

3. तीसरा सावन सोमवार व्रत – 5 अगस्त

4. चौथा सावन सोमवार व्रत – 12 अगस्त

5. पांचवां सावन सोमवार व्रत – 19 अगस्त

मंगला गौरी व्रत तिथि

इस वर्ष सावन में 4 मंगला गौरी व्रत होंगे। यह व्रत मंगलवार को रखा जाएगा। पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई को मनाया जाएगा। दूसरा 30 जुलाई, तीसरा 6 अगस्त और चौथा 13 अगस्त को मनाया जाएगा।

श्रावण शिवरात्रि तिथि

इस वर्ष, श्रावण शिवरात्रि 2 अगस्त, 2024 को पड़ रही है, जो शुक्रवार को पड़ रही है।

कहते हैं कि सावन सोमवार का व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, सावन सोमवार व्रत रखने से घर पर भोलेनाथ और मां पार्वती की अपार कृपा बरसती है। सोमवार का व्रत आपको जीवन की कई समस्याओं से भी छुटकारा दिला सकता है। आइए जानें सावन सोमवार की शुरुआत कैसे हुई थी और किसने सबसे पहले सावन सोमवार का व्रत रखा था।

पहली पौराणिक कथा

सावन महीने के दौरान भगवान शिव के साथ भगवान परशुराम की भी पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान परशुराम ने ही कांवड़ की परंपरा को शुरू किया था। इस महीने के दौरान भगवान परशुराम ने सोमवार को कांवड़ में गंगा जल भरकर और शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ाकर नियमित रूप से अपने देवता की पूजा की। भगवान शिव को सावन का सोमवार विशेष रूप से प्रिय है, इसलिए सावन के महीने में सोमवार का विशेष महत्व है। यह भी कहा जाता है कि भगवान परशुराम के कारण ही भगवान शिव का व्रत और पूजा शुरू हुई थी।

दूसरी पौराणिक कथा

दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, जब सनत कुमारों ने भगवान शिव से पूछा कि उन्हें विशेष रूप से सावन के महीने में क्यों पूजा जाता है। तब महादेव ने उन्हें बताया कि अपने पिता दक्ष के घर में योग शक्ति से अपने शरीर का त्याग करने से पहले देवी सती ने अपने हर जन्म में भगवान शिव से विवाह करने का संकल्प लिया था। अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमवान और मैनावती की पुत्री के रूप में जन्म लिया। उन्होंने सावन के महीने में उपवास किया और भगवान शिव से विवाह किया और उनके साथ एक सुखी जीवन व्यतीत किया। तब से सावन का महीना भगवान शिव के लिए महत्वपूर्ण हो गया।

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