डेस्क: आंध्र प्रदेश के तिरुपति ज़िले के पहाड़ी शहर तिरुमाला में स्थित तिरुमाला बालाजी मंदिर इन दिनों चर्चा में है। चर्चा का कारण मंदिर में प्रसाद बनाने में घटिया सामग्री और पशु चर्बी का कथित इस्तेमाल है। सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी ने गुरुवार को दावा किया है कि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला ने मिलावट की पुष्टि की है। टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कथित लैब रिपोर्ट दिखाई, जिसमें दिए गए घी के नमूने में "बीफ टैलो" की मौजूदगी की पुष्टि की गई है।
जांच में क्या-क्या सामने आया?
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रसादम में सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, रेपसीड, अलसी, गेहूं के बीज, मक्का के बीज, कपास के बीज, मछली का तेल, नारियल और पाम कर्नेल वसा, पाम तेल और बीफ टैलो यानि (गौमांस की चर्बी) शामिल है।
बीफ टैलो क्या है?
बीफ टैलो घटक रंप रोस्ट, पसलियों और स्टेक जैसे बीफ के टुकड़ों से निकली चर्बी होती है। इसे मांस से निकाले गए शुद्ध वसा को पिघलाकर भी बनाया जा सकता है, जो ठंडा होने पर एक लचीले पदार्थ में बदल जाता है। ये कमरे के तापमान पर देखने में नरम मक्खन जैसा ही लगता है।
श्रद्धालुओं को प्रसाद में क्या दिया जाता?
तिरुपति मंदिर में लडडूओं का प्रसाद तैयार किया जाता है। रोज 3 लाख लड्डू बनाए जाते हैं और बांटे जाते हैं। हैरान करने वाली बात ये है कि प्रसाद के तौर इन लड्डुओं को ना सिर्फ श्रद्धालुओं को बांटा गया, बल्कि भगवान को भी प्रसाद के तौर पर यही लड्डू चढ़ाया जाता रहा।
कौन सप्लाई कर रहा था मंदिर के लिए घी?
बीते 50 साल से कर्नाटक कॉपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) रियायती दरों पर मंदिर कमेटी को शुद्ध देसी घी सप्लाई कर रहा था। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से इनकार कर दिया, उसके बाद तत्कालीन जगन मोहन रेड्डी सरकार ने 5 फर्म को घी सप्लाई की जिम्मेदारी दे दी। इसी साल जुलाई में सैंपल में गड़बड़ी पाए जाने के बाद नायडू सरकार अलर्ट हुई और 29 अगस्त को फिर KMF को सप्लाई का काम सौंप दिया।
बीजेपी और टीडीपी ने जगन मोहन पर साधा निशाना
फिलहाल, मामले को लेकर टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के बीच घमासान छिड़ गया है। तेलंगाना से बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने कहा,पवित्र लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल मिलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं कर्नाटक बीजेपी ने भी जगन मोहन की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के खिलाफ हमला बोला है। बीजेपी कहना है कि आंध्र प्रदेश में पिछली सरकार ने तिरुपति मंदिर बोर्ड में गैर-हिंदुओं को नियुक्त किया था, जिससे हमारी पवित्र परंपराओं से समझौता हुआ।
धार्मिक महत्व
तिरुपति मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि ये विश्व के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है, जहां प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु आते हैं। इसकी संपत्ति और दान की राशि लाखों में है, जो इसे एक महत्वपूर्ण आर्थिक धुरी बनाती है। यहां का प्रसाद, विशेष रूप से लड्डू, श्रद्धालुओं के बीच अत्यंत लोकप्रिय है। तिरुपति का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व इसे भारतीय तीर्थ स्थलों में अद्वितीय बनाता है।