ब्यूरोः सुप्रीम कोर्ट ने कांवर यात्रा मार्ग पर होटल, ढाबों, रेस्तरां, फल और खाद्य पदार्थों की दुकानों पर मालिक का नाम लिखने पर बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार के इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मालिक केवल अपने होटल, ढाबों और रेस्तरां के साथ अन्य दुकानों में सिर्फ परोसे जाने वाले भोजन की ही लिस्ट लगाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच, जस्टिस ऋषिकेष रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी ने इस मामले की सुनवाई की है। कोर्ट ने एनजीओ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की याचिका पर नाम लिखने के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ताओं ने इसे अनुच्छेद 15 का उल्लंघन बताया, जो धर्म या जाति के आधार पर किसी भी भेदभाव को गैरकानूनी बताता है।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद में योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूरे राज्य में इस आदेश को लागू कर दिया। इस आदेश के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में होटल और ढाबों में काम करने वाले मुसलमानों को काम से हटा दिया गया। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के बाद इसको उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार ने भी जारी कर दिया था।