Chinese Garlic in Indian Market: देश में इन दिनों खाने-पीने की चीज़ों में मिलावट से आम लोग परेशान हैं। तेल, घी, शहद, गुड़, दवाई जैसी चीज़ों में अक्सर मिलावट देखने को मिल रही है। इसी बीच, सब्ज़ी को स्वादिष्ट बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लहसुन में भी मिलावट की खबर सामने आई है। बाज़ार में लहसुन के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं। ऐसे में कुछ लोग मुनाफा कमाने के चक्कर में चीन के लहसुन को भारतीय बाज़ार में पहुंचा रहे हैं। यह लहसुन नेपाल के रास्ते भारत पहुंच रहा है। इसी महीने यूपी में चाइनीज़ लहसुन पकड़ा भी गया था, और अब इसका मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट तक पहुंच गया है।
जनहित याचिका दायर
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चाइनीज लहसुन के आयात के खिलाफ जनहित याचिका डाली गई है। गुरुवार को अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने कोर्ट रूम में जज के सामने देसी और चाइनीज लहसुन लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि चीन में लहसुन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कीटनाशकों का बड़े स्तर पर छिड़काव किया जाता है, जिससे इसके इस्तेमाल से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
2014 में सरकार ने किया था बैन
मामले में हैरानी वाली बात यह है कि सरकार ने जानलेवा चाइनीज़ लहसुन को साल 2014 में ही लैब टेस्ट के बाद बैन कर दिया था। बावजूद इसके, भारतीय बाज़ारों में यह धड़ल्ले से बिक रहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के नामित अधिकारी को तलब किया है और पूछा है कि प्रतिबंधित 'चीनी लहसुन' अब भी बाजार में कैसे उपलब्ध है।
व्यापारियों का प्रदर्शन
राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई मंडियों के व्यापारियों ने भी चाइनीज़ लहसुन के आयात को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया और मंडी को बंद रखा है। व्यापारियों और किसानों का कहना है कि बाहरी लहसुन के चलते उनके लहसुन के दाम गिरने लगे हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायालय की लखनऊ पीठ ने केंद्र के वकील से देश में ऐसी वस्तुओं के प्रवेश को रोकने के लिए मौजूद सटीक व्यवस्था के बारे में प्रश्न किया है और पूछा है कि इसके प्रवेश के स्रोत का पता लगाने के लिए क्या कोई कवायद की गई है। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओ पी शुक्ला की पीठ ने वकील मोतीलाल यादव द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया। अदालत को बताया गया कि प्रतिबंध के बावजूद, लखनऊ सहित पूरे देश में ऐसा लहसुन आसानी से उपलब्ध है। याचिकाकर्ता ने अदालती कार्यवाही के दौरान न्यायाधीशों के समक्ष लगभग आधा किलो ‘चीनी लहसुन’ के साथ-साथ सामान्य लहसुन भी पेश किया था। फिलहाल, कोर्ट ने यूपी के फूड सेफ्टी और ड्रग डिपार्टमेंट के लैब चीफ को तलब कर रिपोर्ट मांगी है कि चाइनीज़ लहसुन खाने से लोगों को क्या-क्या नुकसान हो सकता है।
भारत में लोग इस समय खाने-पीने की चीज़ों में मिलावट से परेशान हैं। बाहर खाने से परहेज़ कर भी लें, तो अपने किचन तक भी शुद्ध और ऑथेंटिक सामान मिलना मुश्किल हो रहा है। घी, दूध, शहद, तेल, दवाई और अब लहसुन में मिलावट ने लोगों की चिंताएं निश्चित तौर पर बढ़ा दी हैं। सरकार के लिए इसे रोकना फिलहाल किसी चुनौती से कम नहीं है।