पीएम मोदी ने कहा कि 1993 में भी ऐसा ही संघर्ष मणिपुर में देखने को मिला था, जो पांच वर्षों तक चला था। मगर हम इस बार शांति लाने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं। अगर किसी को सहयोग करना है तो हम उसके लिए भी तैयार हैं। हम सामान्य स्थिति को बरकरार रखने में भरपूर प्रयास कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने अब 'भ्रष्टाचारी बचाओ आंदोलन' चलाना शुरू कर दिया है। जब भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा जाता है तो वे हंगामा करते हैं। कहा जा रहा है कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
भ्रष्टाचार करे 'AAP', शराब घोटाला करे 'AAP' और 'AAP की शिकायत करे कांग्रेस, AAP को कोर्ट में लेकर जाए कांग्रेस, अब कार्यवाही हो तो गाली दे मोदी को। अब वे भागीदार हैं। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में AAP के खिलाफ तथ्य पेश किए थे, अब उन्हें बताना होगा कि वे तथ्य सही थे या नहीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के लिए लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर दिया गया भाषण खत्म हो गया है। राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों में विपक्ष का सेलेक्टिक रवैया बहुत चिंताजनक है। मैं देश को बताना चाहता हूं कि बंगाल से आए वीडियो को देखा, जिसमें एक महिला को सड़क पर पीटा जा रहा है। वो महिला चीख रही है, लेकिन कोई मदद नहीं कर रहा है। ऐसा ही संदेशखाली में भी हुआ। इसके लिए यहां बैठे बड़े-बड़े दिग्गजों के मन की पीड़ा उनके शब्दों में भी नहीं झलक रही है। इससे बड़ी शर्मिंदगी की बात की क्या हो सकती है, जो खुद को महिलाओं का प्रगतिशील नेता मानते हैं, वो भी मुंह पर ताला लगाकर बैठ गए हैं, क्योंकि उनके संबंध किसी राजनीतिक दल हैं। इससे हमारी माता-बहनों को बहुत ज्यादा पीड़ा होती है। दरअसल, पीएम मोदी बंगाल में हुई घटना का जिक्र कर रहे थे, जिसमें टीएमसी एक स्थानीय नेता ने एक कपल को डंडों से पीटा था। आरोपी की पहचान हो गई है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने ट्रांसजेंडर साथियों के लिए कानून बनाने का काम किया है। पश्चिम के लोगों को भी आश्चर्य होता है कि भारत इतना प्रोग्रेसिव है। पद्म अवॉर्ड में भी ट्रांसजेंडर को अवसर देने में हमारी सरकार आगे आई।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने महिला नेतृत्व वाले विकास की दिशा में निर्णायक कदम उठाए हैं और आज हम उसके परिणाम मिल रहे हैं। हमने महिलाओं के स्वास्थ्य, स्वच्छता और कल्याण के क्षेत्र में भी काम किया है।
प्रधानमंत्री मोदी के धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में बोलते ही विपक्षी सांसदों ने लगाए 'विपक्षी दल को बोलने दो' के नारे लगाए।
#WATCH | Speaking in Rajya Sabha, PM Modi says, "The next five years are to ensure saturation of basic facilities and for the fight against poverty. This country will emerge victorious against poverty in the next five years, and I am saying this based on the experience of the… pic.twitter.com/JntSGUs9id
— ANI (@ANI) July 3, 2024
वॉकआउट करते समय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों में सच सुनने की ताकत नहीं है। जिनमें सच का सामना करने की हिम्मत नहीं है, उनमें इन चर्चाओं में उठाए गए सवालों के जवाब सुनने की हिम्मत नहीं है। वे उच्च सदन का, उच्च सदन की गौरवशाली परंपरा का अपमान कर रहे हैं।"
राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया, नारे लगाए और वॉकआउट किया, जबकि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे। विपक्षी सांसदों का कहना है कि विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
#WATCH | In Rajya Sabha, Opposition MPs protest, raise slogans and walk out as PM Modi speaks on Motion of Thanks to President's Address. The Opposition MPs say that the LoP was not allowed to speak and that he should be allowed for the same.
— ANI (@ANI) July 3, 2024
As they walk out, PM Modi says,… pic.twitter.com/rmPZpoNugY
ब्यूरोः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 3 जुलाई को राज्यसभा में बात की और बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। सुबह 11:00 बजे जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। सभापति जगदीप धनखड़ ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से कानून बनाने का आह्वान किया।
बता दें इससे पहले पीएम मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में अपने भाषण दिया था। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासन ने संतुष्टि के सिद्धांत पर विश्वास किया है और तुष्टिकरण की प्रथा को त्याग दिया है, जिसका पालन और अभ्यास विपक्षी दलों द्वारा 2014 से पहले सत्ता में रहने के दौरान किया गया था। प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए कहा कि हमारे देश ने लंबे समय तक तुष्टिकरण की राजनीति, तुष्टिकरण के शासन मॉडल को देखा है।