ब्यूरोः आज देश की सर्वोच्च अदालत ने नीट पेपर लीक मामलें में 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले को सुना। परीक्षा के दोबारा आयोजन कराने पर पहले ही केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली नहीं हुई है इसलिए दोबारा परीक्षा कराने की जरुरत नहीं है। जबकि पेपर लीक मामले पर NTA की तरफ से कहा गया था कि पूरे देश में पेपर लीक नहीं हुआ है इसलिए पूरे देश का पेपर रद्द नहीं करना चाहिए।
ऑनलाइन रिजल्ट प्रकाशित करने का आदेश
पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम सुनवाई करते हुए एनटीए (NTA) को निर्देश दिया है कि वह अपनी वेबसाइट पर NEET-UG परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों को प्रकाशित करे। साथ ही परीक्षा के परिणाम प्रकाशित करते हुए छात्रों की पहचान गुप्त रखे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शनिवार यानी 20 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक रिजल्ट सार्वजनिक किए जाए। परिणाम शहर और केंद्र के हिसाब से अलग-अलग घोषित किए जाने चाहिए। मामले पर अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को होगी।
बिहार पुलिस की जांच रिपोर्ट भी मांगी
इस मामले पर कोर्ट ने बिहार पुलिस की रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कॉउन्सलिंग 24 जुलाई से शुरू होगी। चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की कि ये बात तो साफ है कि पटना और हजारीबाग में पेपर के सवाल पहले ही स्टूडेंट्स को मिले। अब देखना ये है कि क्या ये व्यापक पैमाने पर फैले भी?
इससे पहले 11 जुलाई को हुई थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई को इस मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार की तरफ से वायरल टेलीग्राम वीडियो को फेक बताया गया था। केंद्र सरकार ने सुर्पीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि IIT मद्रास के डाटा एनालिटिक्स में कोई बड़ी गड़बड़ी नजर नहीं आ रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर 23 लाख से भी अधिक अभ्यार्थियों की नजर थी। दायर की गई याचिकाओं में टॉपर्स की संख्या, ग्रेस मार्क्स, कट-ऑफ पर सवाल और दोबारा परीक्षा कराने की मांग की गई है।
शुरू नहीं हो पाई है काउंसलिंग
बता दें कि मेडिकल, डेंटल, आयुष और नर्सिंग के कोर्स में प्रवेश के लिए 23 लाख से अधिक छात्रों ने नीट यूजी 2024 के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। जिसमें से 13 लाख से अधिक छात्रों को उत्तीर्ण घोषित किया गया। इनके प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की चिकित्सा परामर्श समिति (MCC) की तरफ से काउंसलिंग की प्रक्रिया आयोजित होनी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में इन याचिकाओं पर सुनवाई के चलते फिलहाल काउंसलिंग की प्रक्रिया रूकी हुई है।