नई दिल्ली: एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा संचालित लगभग 70 अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें वरिष्ठ चालक दल के सदस्यों द्वारा ली गई 'सामूहिक छुट्टी' के कारण अचानक रद्द कर दी गईं। यह सेवा मंगलवार से बुधवार रात तक निलंबित रहीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नागरिक उड्डयन अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर बताया "हमारे केबिन क्रू के एक समूह ने कल रात से आखिरी मिनट में 'मास सीक लीव' की सूचना दी, जिसके परिणामस्वरूप उड़ान में देरी हुई और सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि हम मामले के समझने के लिए केबिन क्रू के साथ बातचीत कर रहे हैं। इन घटनाओं के पीछे के कारणों को ध्यान में रखते हुए हमारी टीमें सक्रिय रूप से इस मामले को देख रही हैं ताकि परिणामस्वरूप हमारे यात्रियों को होने वाली किसी भी असुविधा को कम किया जा सके।"
एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने उड़ानों के प्रभावित होने पर यात्रियों के प्रति खेद व्यक्त करते हुए कहा, "हम इस अप्रत्याशित व्यवधान के लिए अपने मेहमानों से ईमानदारी से माफी मांगते हैं और आश्वत करते हैं कि यह स्थिति हमारी यात्री सेवा के मानक को प्रतिबिंबित नहीं करती है, जिसे हम प्रदान करने का प्रयास करते हैं। उड़ानों के रद्दीकरण के कारण सभी यात्रियों को पूर्ण रिफंड दिया जाएगा या यात्रा को रीशेड्यूल किया जाएगा। एयर इंडिया ने सभी यात्रियों को हवाई अड्डे से उड़ानों की स्थिति की जांच करने की सलाह दी है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानों में यह स्थिति पिछले श्रम कानून के विवादों के बीच सामने आई है, जिसका स्वामित्व टाटा समूह के पास है। दिसंबर 2023 में, केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने प्रबंधन और केबिन क्रू सदस्यों के बीच संघर्ष से संबंधित कथित उल्लंघनों पर एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया। यह नोटिस केबिन क्रू सदस्यों द्वारा उठाई गई चिंताओं के कारण दिया गया था, जिसमें लेओवर के दौरान कर्मचारियों के ठहरने से संबंधित मुद्दे भी शामिल थे।
एयर इंडिया एक्सप्रेस कर्मचारी संघ (एईएक्सईयू) द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने के पीछे की वजह केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को कर्मचारियों द्वारा पहले की गई शिकायतों का संज्ञान लेना था, जिसमें कुछ केबिन क्रू के सदस्यों के लिए सर्विस कॉन्ट्रेक्ट समाप्त करने जैसी विभिन्न चिंताओं को सामने रखा गया था।