ब्यूरो: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने देश के सबसे छोटे रॉकेट SSLV-D3 से अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-8 (EOS-08) को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया। इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने बताया, लॉन्चिंग सफल रही। उन्होंने पूरी टीम को बधाई दी।
यह सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा से बाहर करीब 475 किमी ऊपर स्थापित किया गया। यह एक साल तक काम करेगा। EOS-08 सैटेलाइट का मकसद पर्यावरण और आपदा को लेकर सटीक जानकारी देना है। इससे पहले ISRO ने 15 अगस्त को लॉन्चिंग की तारीख तय की थी। फिर इसे एक दिन बाद लॉन्च किया गया।
🚀SSLV-D3/EOS-08🛰️ Mission:The launch of the third developmental flight of SSLV is scheduled for August 16, 2024, in a launch window of one hour starting at 09:17 Hrs. IST pic.twitter.com/JWxq9X6rjk
— ISRO (@isro) August 12, 2024
SSLV-D3-EOS-08: एक मील का पत्थर मिशन
यह मिशन SSLV की अंतिम विकासात्मक उड़ान है, जो 34 मीटर लंबा रॉकेट है, जिसे 500 किलोग्राम तक वजन वाले छोटे उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगा, रॉकेट तीन प्रमुख पेलोड ले जाएगा। इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (EOIR), ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (GNSS-R), और SiC UV डोसिमीटर।
SSLV-D3/EOS-08 MissionThe launch of the third developmental flight of 🚀SSLV can be watched LIVE on 📆August 16, 2024, from 🕘08:50 Hrs. IST onISRO Website https://t.co/8RuXZOVn5MISRO Facebook https://t.co/zugXQAYy1yISRO YouTube channelhttps://t.co/7Xb5e4uBo6and… pic.twitter.com/sFwJHQc1Fp
— ISRO (@isro) August 15, 2024
न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के वाणिज्यिक उपक्रमों को आगे बढ़ाना
SSLV-D3-EOS-08 मिशन न केवल ISRO के सबसे छोटे रॉकेट के विकासात्मक चरण को पूरा करेगा, बल्कि SSLV का उपयोग करके भविष्य के वाणिज्यिक प्रक्षेपणों को संभालने के लिए ISRO की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड की क्षमताओं को भी मजबूत करेगा। मिशन की सफलता से ISRO की आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी और अन्य सहित कई अनुप्रयोगों के लिए उन्नत छोटे उपग्रह प्रौद्योगिकी को तैनात करने की क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
SSLV-D3/EOS-08 Mission:Six-and-a-half-hour countdown leading to the launch commenced at 02:47 hrs IST pic.twitter.com/XXy7GmWvaC
— ISRO (@isro) August 15, 2024
पेलोड क्षमताएँ
SSLV-D3 पर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह माइक्रोसैट/IMS-1 बस पर बनाया गया है और इसका मिशन जीवन एक वर्ष है। लगभग 175.5 किलोग्राम वजन वाला यह उपग्रह लगभग 420 वाट बिजली उत्पन्न करता है। आगामी गगनयान मिशन में उपग्रह आधारित निगरानी, पर्यावरण निगरानी, समुद्री सतह वायु विश्लेषण और यूवी विकिरण निगरानी सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए पेलोड का उपयोग किया जाएगा।