Monday 7th of October 2024

Delhi: 20 दिन में 13 बच्चों की रहस्यमय तरीके से मौत, केजरीवाल सरकार ने दिए जांच के आदेश

Reported by: PTC Bharat Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  August 02nd 2024 05:37 PM  |  Updated: August 02nd 2024 05:37 PM

Delhi: 20 दिन में 13 बच्चों की रहस्यमय तरीके से मौत, केजरीवाल सरकार ने दिए जांच के आदेश

ब्यूरोः मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार में चल रहे शेल्टर होम की भयावह तस्वीर सामने आई है। सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट में पता चला है कि दिल्ली के रोहिणी इलाके में स्थित इस आशा किरण शेल्टर होम में 20 दिनों के भीतर 13 बच्चों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई है। मंत्री आतिशी ने अब इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।

दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों से पता चला है कि जुलाई में दिल्ली के रोहिणी में आशा किरण होम में 13 मौतें हुईं। ये मौतें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और कुपोषण के कारण हुई हैं। इससे पता चलता है कि बच्चों को उचित सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

जनवरी से अब तक 27 मौतें

रिपोर्ट से पता चला है कि इस साल जनवरी से अब तक शेल्टर होम में कुल 27 बच्चों की मौत हो चुकी है. जबकि पिछले 20 दिनों में 13 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस मामले को लेकर एसडीएम का कहना है कि बच्चों की मौत की संख्या बहुत ज्यादा है, लेकिन अभी कारणों का पता नहीं चल पाया है, जिसकी जांच चल रही है। एसडीएम की रिपोर्ट में बच्चों को मिलने वाले पीने के पानी की गुणवत्ता पर चिंता जताई गई है।

आप सरकार पर लापरवाही का लगाया आरोप

इस पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने आप सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए एक तथ्यान्वेषी टीम को आश्रय स्थल भेजा है। महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि टीम शेल्टर होम से जुड़े सभी अधिकारियों और लोगों से मुलाकात करेगी और बच्चों की मौत का पता लगाने की भी कोशिश करेगी।

बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा

वहीं, बीजेपी ने इन मौतों के पीछे आम आदमी पार्टी की लापरवाही बताई है और शेल्टर होम में घटिया सुविधाएं मुहैया कराने का आरोप लगाया है। बीजेपी महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष रेखा गुप्ता ने आरोप लगाया है कि शेल्टर होम में बच्चों को गंदा पानी दिया जा रहा है। उन्हें न तो खाना दिया जा रहा है और न ही उनका इलाज किया जा रहा है।

जुलाई में 17 बच्चों की मौत का दावा करते हुए गुप्ता ने आरोप लगाया कि सच्चाई छिपाने के लिए किसी को भी आश्रय गृह में नहीं जाने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि बच्चों को गंदा पानी दिया जा रहा है। उन्हें खाना नहीं मिलता। उन्हें अनाज नहीं मिलता और अंततः बच्चे अस्पताल में मर रहे हैं। आरोपी अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

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