ब्यूरोः ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है। सोमवार को एआईटीएमसी सांसद साकेत गोखले को मानहानि के लिए संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी को 50 लाख रुपये का हर्जाना देना होगा। इसके अतिरिक्त, गोखले को टाइम्स ऑफ इंडिया और अपने ट्विटर हैंडल पर माफी मांगनी होगी।
ये है मामला
मानहानि का मुकदमा जून 2021 में गोखले की ओर से पोस्ट किए गए ट्वीट से उत्पन्न हुआ, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पुरी और उनके पति ने काले धन से स्विट्जरलैंड में संपत्ति खरीदी है। ट्वीट में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की भी मांग की गई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह के नेतृत्व में और करंजावाला एंड कंपनी द्वारा समर्थित पुरी की कानूनी टीम ने तर्क दिया कि ये दावे झूठे थे और पुरी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे थे।
गोखले के बयानों से पुरी को अपूरणीय क्षति हुईः न्यायमूर्ति
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि गोखले के बयानों से पुरी को अपूरणीय क्षति हुई है। न्यायालय ने गोखले को आगे मानहानि वाले प्रकाशनों से रोक दिया और इस बात पर जोर दिया कि मौद्रिक मुआवजा पुरी की प्रतिष्ठा को पूरी तरह से बहाल नहीं कर सकता। हालांकि सभी कारकों पर विचार करते हुए गोखले को 8 सप्ताह के भीतर 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया गया।
पुरी का सिविल मुकदमा करंजावाला एंड कंपनी द्वारा दायर किया गया था, जिसमें मेघना मिश्रा, तरुण शर्मा, पलक शर्मा और श्रेयांश राठी की टीम शामिल थी। अदालत के फैसले ने सार्वजनिक जीवन में व्यक्तियों के खिलाफ असत्यापित और अपमानजनक बयान देने के गंभीर परिणामों को उजागर किया है।