ब्यूरोः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए लगातार सातवां बजट पेश किया। राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान बताते हुए सीतारमण ने कहा कि लोगों ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अपना विश्वास जताया है और ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए इसे फिर से चुना है।
भारत की आर्थिक वृद्धि के बारे में बात करते हुए सीतारमण ने कहा कि यह लगातार चमक रही है। मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण निवेश किए गए हैं। बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं। यह हमारे सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 प्रतिशत होगा। निजी क्षेत्र द्वारा बुनियादी ढांचे में निजी निवेश को व्यवहार्यता अंतर निधि और सक्षम नीतियों के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा।
सीतारमण ने कहा कि मैं आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा करती हूं। इससे विवाद और मुकदमेबाजी कम होगी। इसे 6 महीने में पूरा करने का प्रस्ताव है। आगे उन्होंने कहा कि अगले 6 महीनों में सीमा शुल्क संरचना की व्यापक समीक्षा की जाएगी। ई-कॉमर्स पर टीडीएस दर को घटाकर 0.1 प्रतिशत किया जाएगा। मेरा प्रस्ताव है कि चैरिटी के लिए दो कर छूट व्यवस्थाओं को एक में मिला दिया जाए। मेरा प्रस्ताव है कि कर दाखिल करने की तिथि तक टीडीएस में देरी को अपराधमुक्त किया जाए।
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नई कर व्यवस्था चुनने वालों के लिए मानक कटौती 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये की जाएगी।