Lok Sabha Election 2024: पहले चरण में इन राज्यों की इन प्रमुख सीटों पर रहेगी नजर, दांव पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा
ब्यूरोः देश में लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व का आगाज हो गया है। 19 अप्रैल को 21 राज्यों के 102 लोकसभा सीटों के लिए पहले चरण का चुनाव होना है। ऐसे में इस चुनाव में कई बड़े-बड़े राजनीतिक दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। आइए आपको इनमें से कुछ चुनिंदा सीटों पर भाग्य आजमा रहे दिग्गजों के बारे में बताते हैं।
इन सीटों पर भाग्य आजमा रहे दिग्गज
उत्तर प्रदेश में पहले चरण के चुनाव में 3 सीटों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। भाजपा ने पीलीभीत सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा है। उन्होंने 2004 में शाहजहांपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर पहला लोकसभा चुनाव जीता था और 2021 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे।
मुजफ्फरनगर सीट से भाजपा ने संजीव बालियान का टिकट दिया है। वह लगातार 2014 और 2019 के चुनावों में इस सीट पर जीत दर्ज करते आ रहे हैं और भाजपा आलाकमान इस बार भी उन पर भरोसा जताया है। सहारनपुर लोकसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। कांग्रेस-सपा गठबंधन ने यहां इमरान मसूद को उम्मीदवार बनाया है। मसूद 9 बार सांसद (5 बार लोकसभा सदस्य और 4 बार राज्यसभा सदस्य) रशीद मसूद के भतीजे हैं।
उत्तराखंड की सभी 5 सीटों पर पहले चरण चुनाव होने हैं। यहां हरिद्वार लोकसभा सीट पर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को टिकट दिया है। उनके खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत और निर्दलीय प्रत्याशी उमेश कुमार चुनाव लड़ रहे हैं।
गढ़वाल सीट से भाजपा ने अनिल बलूनी पर भरोसा जताया है। वह भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी हैं। उन्हें इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल से कड़ी टक्कर मिल रही है। इस सीट पर मुकाबला रोमांचक रहेगा।
नैनीताल-उधम सिंह नगर सीट से भाजपा ने केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट को चुनाव मैदान में उतारा है। वह इस सीट पिछला चुनाव भी जीते थे और उन्हें इस बार कांग्रेस उम्मीदवार प्रकाश जोशी चुनौती दे रहे हैं।
त्रिपुरा की पश्चिमी त्रिपुरा सीट से भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव चुनाव मैदान में हैं। यह कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष आशीष कुमार साहा को मैदान में उतारा है। इस सीट पर दोनों उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर रहने वाली है।
तमिलनाडु की कोयंबटूर सीट से भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई पर दांव खेला है। इस सीट पर उनका मुकाबला डीएमके नेता गणपति पी राजकुमार और एआईएडीएमके नेता सिंगाई रामचंद्रन से है। कर्नाटक की शिवंगगा सीट से कांग्रेस ने कार्ति चिदबंरम पर दोबारा मौका दिया है। वह पिछला चुनाव जीते थे और उनके पिता पी चिदंबरम इस सीट से 7 बार चुने जा चुके हैं। उनका मुकाबला भाजपा के टी देवानाथन यादव और एआएडीएमके के उम्मीदवार जेवियर दास से है। तमिलनाडु की चेन्नई सेंट्रल लोकसभा सीट पर डीएमके नेता दयानिधि मारन चुनाव मैदान में हैं। मारन इस सीट से पिछला चुनाव जीते थे और यह सीट डीएमके का गढ़ मानी जाती है। उन्हें भाजपा उम्मीदवार विनोज पी सेल्वम चुनौती दे रहे हैं।
राजस्थान की बीकानेर सीट पर भाजपा ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को चुनाव मैदान में उतारा है। यह सीट अनुसूचित जाति उम्मीदवार के लिए आरक्षित है और मेघवाल 2014 और 2019 में इस सीट से भारी मतों से चुनाव जीत चुके हैं और एक बार फिर इतिहास दोहराना चाहते हैं।
अलवर सीट से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव पर दांव खेला है। इस सीट पर भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है क्योंकि 2019 के चुनाव में इस सीट भाजपा उम्मीदवार बालक नाथ ने भारी मतों से जीत दर्ज की थी। उनका टिकट काटकर भाजपा ने यादव पर भरोसा जताया है। नागौर सीट से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) सांसद हनुमान बेनीवाल पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। पिछले चुनाव में बेनीवाल ने इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार ज्योति मिर्धा को शिकस्त दी थी। अब मिर्धा ने पाला बदल लिया है और वह भाजपा के टिकट पर इस बार का चुनाव लड़ रही हैं।
महाराष्ट्र की नागपुर सीट भाजपा ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पर फिर से भरोसा जताया है। वह इस सीट से जीत की हैट्रिक लगाना चाह रहे हैं। उन्होंने 2014 और 2019 चुनाव में भारी मतों से इस सीट पर सीट दर्ज की थी।
जम्मू-कश्मीर की उधमपुर सीट पर भाजपा ने केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है। उन्होंने 2019 चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को हराया था, जो राजघराने से ताल्लुक रखते हैं।
मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट से वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ एक बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं। नकुल ने पिछले चुनाव में भी इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार का हराया था। 1980 के बाद से लगातार 9 बार कमलनाथ ने इस पर सीट से दर्ज की थी।
असम की जोराहाट सीट पर सभी की नजरें टिकी हुई है। यहां से कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने 2014 और 2019 चुनाव में कलियाबोर सीट से चुनाव जीता था और 2020 में कांग्रेस ने उन्हें लोकसभा में उपनेता भी बनाया गया। वह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
असम की डिब्रूगढ़ सीट से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को टिकट दिया है। सोनोवाल ने 2004 में असम गण परिषद के उम्मीदवार के तौर पर पहला चुनाव जीता था। 2011 में वह भाजपा में शामिल हो गए। 2016 में पहली बार विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद भाजपा ने उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री भी बनाया था।