ब्यूरोः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को मोदी 3.0 का पहला बजट संसद में पेश करेंगी। सरकार की कोशिश रहेगी कि इस बजट में सभी क्षेत्रों पर ध्यान देकर लोगों की नाराजगी को दूर किया जा सके। लेकिन सरकार इस बजट में डिफेंस सेक्टर पर खासा ध्यान दे सकती है। लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष रक्षा बजट में कटौती को लेकर सरकार पर हमलावर था। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि आने वाले बजट में सरकार रक्षा क्षेत्र में बढ़ोत्तरी कर सकती है।
डिफेंस सेक्टर पर मोदी सरकार की नीति
मोदी सरकार ने पिछले दो कार्यकाल में रक्षा क्षेत्र पर अपना फोकस कायम रखा है। साथ ही रक्षा क्षेत्र के स्वदेशीकरण पर भी जोर दिया है। इसलिए माना जा रहा है कि सरकार इस बार के रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी कर सकती है। इस साल फरवरी में अंतरिम बजट में सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए कुल आवंटन में पांच फीसदी की वृद्धि करते हुए 6.21 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।
पिछले चार बजट में डिफेंस सेक्टर
साल 2021-22 में सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए 5.78 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। जबकि अगले वित्त वर्ष 2022-23 में इसे घटाकर 5.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया। मोदी 2.0 के अपने आखिरी पूर्ण बजट में सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए 5.94 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये थे। इस साल फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 6.21 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।
भारत का रक्षा बजट अभी भी कम
भले ही सरकार रक्षा बजट में लगातार बढ़ोतरी कर रही है, लेकिन यह अभी अमेरिका और चीन जैसे देशों के मुकाबले कम है। विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका का रक्षा बजट भारत से 10 गुना अधिक है। अमेरिका का रक्षा बजट 72 लाख करोड़ और चीन का रक्षा बजट 24 लाख करोड़ रुपये है। चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत को अपना रक्षा बजट बढ़ाने की जरूरत है।
डिफेंस सेक्टर का बजट कहां खर्च होता है
डिफेंस बजट के 3 हिस्से होते हैं। जिसमें रेवेन्यु, कैपिटल और पेंशन खर्च शामिल होते हैं। रेवेन्यु खर्च की बात करें तो इससे वेतन बांटा जाता है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रेवेन्यू बजट के लिए 2.77 लाख करोड़ रुपये दिए थे। जिसे इस साल के अंतरिम बजट में बढ़ाकर 2.82 लाख करोड़ रुपये कर दिए गए थे।
रक्षा के कैपिटल खर्च में हथियार और दूसरे जरूरी सामान की खरीद शामिल होता है। हथियारों की खरीददारी के लिए सरकार ने फरवरी के अंतरिम बजट में 1.62 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे। जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने हथियारों की खरीद के लिए 1.52 लाख करोड़ दिए थे। डिफेंस बजट के तीसरे हिस्से में पेंशन पर खर्च को देखा जाता है। रिटायर्ड सैन्य कर्मियों को पेंशन देने के लिए इस बार के अंतरिम बजट में सरकार ने 1.41 लाख करोड़ रुपए दिए थे।