Thailand New PM : 37 साल की उम्र में शिनावात्रा बनीं थाईलैंड के प्रधानमंत्री, बनाया ये रिकॉर्ड

By  Deepak Kumar August 16th 2024 03:04 PM -- Updated: August 16th 2024 07:19 PM

ब्यूरोः थाईलैंड की संसद ने प्रधानमंत्री पद के लिए पातोंगतारन शिनावात्रा को चुना है। वह देश की सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं। अभी 2 दिन पहले ही थाईलैंड की सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को पद से बर्खास्त कर दिया था. उन पर एक पूर्व-दोषी को कैबिनेट में नियुक्त करके नैतिकता नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। 37 वर्षीय पेटोंगटार्न  पूर्व थाई प्रधान मंत्री थाकसिन शिनावात्रा की सबसे छोटी बेटी हैं। उनके पिता के अलावा, उनकी चाची यिंगलक ने भी थाईलैंड की प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया है, जिससे वह थाईलैंड की दूसरी सबसे कम उम्र की महिला प्रधान मंत्री बनीं।

परिवार के चौथे प्रधान मंत्री

शिनावात्रा इस पद पर पहुंचने वाली अपने परिवार की चौथी सदस्य हैं। उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा 15 साल के निर्वासन के बाद पिछले साल ही देश लौटे थे। थाकसिन 2001 में पहली बार थाईलैंड के प्रधान मंत्री चुने गए, लेकिन 2006 में तख्तापलट के बाद उन्हें निर्वासित कर दिया गया। कहा जाता है कि पेटोंगटार्न थाई राजनीति में काफी लोकप्रिय हैं। पिछले चुनाव में भी उन्होंने गर्भवती होने के बावजूद जोरदार प्रचार किया था; उनकी फू थाई पार्टी 2023 के चुनाव में दूसरे स्थान पर रही। इसके साथ ही उनके परिवार का थाईलैंड की राजनीति में भी अच्छा प्रभाव है, जिसके कारण उन्हें जनता का काफी समर्थन मिलता है।

श्रेथा थाविसिन को क्यों हटाया गया?

करीब 48 घंटे पहले थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने श्रेथा थाविसिन को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था. उन पर जेल की सज़ा काट चुके एक वकील को कैबिनेट मंत्री बनाने का आरोप था. कोर्ट के मुताबिक, श्रेता ने ऐसी नियुक्ति कर संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है, हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद थाविसिन ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्हें नियमों की पूरी जानकारी नहीं थी.

दरअसल, श्रेता ने पिचिट चुएनबन को कैबिनेट में जगह दी, पिचिट को 2008 में सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश के आरोप में 6 महीने जेल की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने माना कि श्रेता पिचिट से जुड़े मामलों से अच्छी तरह वाकिफ थी। आपको बता दें कि श्रेथा थाविसिन पिछले साल 2023 में हुए चुनाव में जीत हासिल कर प्रधानमंत्री बनी थीं. एक वर्ष बाद ही न्यायालय द्वारा बर्खास्त किये जाने के कारण उनकी सरकार गिर गई।

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