Volodymyr Zelenskyy: रूस को टक्कर देने वाले वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की की कहानी जिनका कामेडियन कह मज़ाक उड़ाया जाता था
- एक ऐसा आदमी जो है रूस का टारगेट नंबर-1
- वो राष्ट्रपति जिसने अमरीका की मदद की पेशकश को ठुकरा दिया ये कहते हुए कि I NEED AMMUNITION NOT A RIDE
- अपने से कई गुना बड़े, ताकतवर और ख़तरनाक मुल्क रूस की नाक में कर दम दिया
- रूस के राष्ट्रपति को गले मिलते हुए भारत के प्रधानमंत्री मोदी को सुनाई खरी-खोटी
- ऐसा नेता जिसकी तस्वीर लोग अपनी टी-शर्ट पर छपवाते हैं
- वो कामेडियन जिसने पढ़ाई तो कानून की पढ़ी लेकिन बन गया सियासतदान
किस्सा सियासत का में हम बात करेंगे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के बारे में।
स्टेज पर और अपने टीवी ड्रामों के ज़रिए लोगों को हंसाने में माहिर कामेडियन को कभी अंदाज़ा नहीं था कि एक टीवी शो में निभाया गया किरदार चार साल बाद हकीकत में बदल जाएगा। किरदार था देश के राष्ट्रपति का।
वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की साल 2019 में यूक्रेन के राष्ट्रपित चुने गए थे। उसके पहले साल 2015 में उनका एक टीवी शो आया जिसका नाम था सर्वेंट ऑफ द पीपल, ये शो बेहद पसंद किया गया। इस टीवी शो में एक स्कूल टीचर देश का राष्ट्रपित बन जाता है और देश में जारी भ्रष्टाचार और रूस के इशारों पर चलने वाले नेताओं से लड़ता है।कई साल ये शो सुपरहिट रहा। यूक्रेन के जो हालात टीवी शो में दिखाए गए थे हकीकत भी कुछ वैसी ही थी।
कलाकार असल ज़िंदगी में राष्ट्रपति बना
साल आया 2019 और देश में चुनाव का बिगुल बज गया। तब तक ज़ेलेंस्की का शो काफी मशहूर हो गया। दूसरी तरफ सोशल मीडिया की ताकत एसी कि हर तरफ ज़ेलेंस्की की चर्चा थी।
मौके नज़ाकत देखते हुए ज़ेलेंस्की भी चुनाव मैदान में कूद पड़े। ज़ेलेंस्की के विरोधियों ने प्रचार किया कि हंसी मज़ाक करने वाला कामेडियन देश को कैसे संभालेगा।
चुनाव हुए और उसके बाद जो नतीजा आया उसने पूरी दुनिया के होश उड़ा दिए। ज़ेलेंस्की को 73% वोट मिले और उनकी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। टीवी शो में नकली राष्ट्रपति बना कलाकार असल ज़िंदगी में यूक्रेन का राष्ट्रपति बन गया।
तब यूक्रेन के बाहर के लोग गूगल सर्च करने लगे कि आखिर ये चालिस साल का आदमी कौन है जिसने कमाल कर दिया।वो बात अलग है कि जीतने बाद ज़ेलेंस्की पर भ्रष्टाचारियों को शह देने और विदेश में संपत्ति बनाने के इल्ज़ाम भी लगे।
वकालत, कामेडी और सियासत
ज़ेलेंस्की का जन्म एक यहूदी परिवार में हुआ था। पिता कम्पियूटर साईंस के प्रोफेसर थे और मां एक इंजिनीयर। परिवार चाहता था कि बेटा वकालत की पढ़ाई करे, ज़ेलेंस्की ने बात मानी, वकील बने, लाईसेंस हासिल किया। पर मन तो कामेडी और एक्टिंग में लगता था।
एक दिन सब छोड़ कर अदाकारी की दुनिया में चले गए। वहां भी हिट रहे, पर ज़ेलेंस्की ने ये नहीं सोचा होगा कि किस्मत ऐसी घूमेगी कि ज़िंदगी बदल कर रख देगी।
राष्ट्रपित बनने के बाद मुश्किल से तीन साल बीते थे कि ज़ेलेंस्की के सामने ऐसी चुनौती आ खड़ी हुई कि उन्हे भी समझ में नहीं आया कि क्या करें।
लंबे समय से रूस-यूक्रेन के बीच तकरार जारी थी। रूस का तर्क है कि कभी सोवियत यूनियन का हिस्सा रहा यूक्रेन कभी देश था ही नहीं। रूस यूक्रेन के यूरोपियन यूनियन, नेटो और अन्य यूरोपीय संस्थाओं के साथ क़रीब होने का विरोध करता रहा है। रूस यूक्रेन पर पश्चिमी देशों की कठपुतली बनने का भी आरोप लगाता है। कई बार दोनों देशों के बीच तनाब बढ़ा, सरहद पर कई बार टकराव हुआ।
रूस का यूक्रेन पर हमला
पर हालात फरवरी 2022 तक आते-आते इतने ख़राब हुए कि अचानक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन कैमरे पर आये। दिन था 24 फरवरी 2022। पुतिन ने कहा कि हम यूक्रेन में स्पेशल मिलिटरी आपरेशन चलाने जा रहे हैं।
यूक्रेन के बार्डर पर रूस की मिलिट्री सरगर्म हो गई। लगा कि आने वाले कुछ घंटों में यूक्रेन पर रूस कब्ज़ा कर लेगा। सवाल उठे कि अब क्या कामेडियन से राष्ट्रपित बने ज़ेलेंस्की टिक पाएंगे?
पुतिन के एलान के बाद ज़ेलेंस्की कई घंटों तक दिखाई नहीं दिए। सवाल उठने लगे कि ज़ेलेंस्की कहां पर हैं? ये भी कहा जाने लगा कि ज़ेलेंस्की देश छोड़ कर भाग निकले।
पर अचानक अगले दिन एक सेल्फी वीडियो जारी हुई जिसमें यूक्रेन की राजधानी कीएव में खड़े होकर ज़ेलेंस्की ने संदेश दिया। संदेश में कहा कि मैं कहीं नहीं गया, यूक्रेन रूस का मुकाबला करेगा।
इस सारी घटना पर अमेरिका की तीखी नज़र थी। अमेरिक ने ज़ेलेंस्की को आफर दिया कि अगर वो चाहें तो अमेरिका ज़ेलेंस्की और उनके परिवार को यूक्रेन से सही सलामत रेस्कयू कर लेगा।
26 फरवरी को ज़ेलेंस्की ने अपने टाप कमांडर्स के साथ एक और सेल्फी वीडियो अपलोड किया और कहा कि I Need ammunition, not a ride, मतलब मुझे भागना नहीं है मुझे हथियार दीजिए।
रूस यूक्रेन की तरफ बढ़ रहा था। दुनिया को जानने समझने वाले कह रहे थे कि जल्दी ही रूस यूक्रेन का नामो निशान मिटाने वाला है।पर यहीं पूरी दुनिया के अंदाज़े फेल हो गए। स्टेज पर सूट-बूट पहन कर खिलखिलाने वाला शख्स अपने देश पर आये संकट की वजह से बिल्कुल बदल गया।
ज़ेलेंस्की का फाईटर अंदाज़
ज़ेलेंस्की अक्सर मिलिट्री ग्रीन टी शर्ट में नज़र आने लगे। चेहरे पर मुस्कुराहट की जगह गंभीरता दिखाई देने लगी। अपने संदेश लोगों तक सेल्फी वीडियो के ज़रीए भेजने लगे।
यूक्रेन के शहरों पर रूसी मिसाईलों के हमले लगातार बढ़ने लगे।लोग बंकरों में छुप कर रहने लगे। जितने रूस के हमले बढ़ रहे थे ज़ेलेंस्की उतनी ही ताकत से पूरी दुनिया से समर्थन मांग रहे थे।
पत्नी ओलेना ज़ेलेंस्का बनीं ताकत
यूरोपियन यूनियन हो या अमेरिका ज़ेलेंस्की ने जगह से मांगा तो सिर्फ सपोर्ट लेकिन अपना देश छोड़ कर भागे नहीं। इस संघर्ष में उनके साथ जो मज़बूती से खड़ी रहीं वो है ज़ेलेंस्की की पत्नी ओलेना ज़ेलेंस्का।
मिलिट्री के बंकर से लेकर बार्डर पर अपने सैनिकों का साथ देने वाले ज़ेलेंस्की की पत्नी अपने दोनो बच्चों को मिसाइलों के हमलों से बचाते हुए घर में कैद नहीं रहीं। सरहद पर सेना में हज़ारोँ औरतें वर्दी पहन कर रूसी सेना का मुकाबला कर रहीं थी तो ओलेना अमेरिका समेत कई देशों की यात्रा पर थीं अपने देश के लिए मदद मांगने के लिए।
ज़ेलेंस्की और उनकी पत्नी की कोशिशें रंग लाईं और यूक्रेन को कई देशों से मदद मिलने लगी। इंटरनैशनल क्रीमिनट कोर्ट ने पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट तक जारी कर दिया।
जब पैदा हुई गेहूं की किल्लत
रूस ने जंग शुरू होने के एक साल बाद यानी 2023 में एक और चाल चली। यूक्रेन और रूस दोनों ही दुनिया के बड़े गेहूं उत्पादक देश हैं।रूस ने ब्लैक सी में यूक्रेन के बंदरगाहों की नाकेबंदी कर दी।
यहां से कई हफ्तों से यूरोप को गेहूं की सप्लाई नहीं हो पाई। इससे दुनिया भर के बाजारो में गेहूं की कीमतें बढ़ने लगीं।गेहूं के बड़े उत्पादक भारत ने भी गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी।
लंबे समय से रूस का मुकाबला कैसे?
अब सवाल ये उठता है कि मिलिट्री पावर में अपने से करीब चार गुना बड़े रूस से दो सालों से यूक्रेन कैसे टक्कर ले रहा है? इसका जवाब है अमेरिका, जर्मनी, इटली, कैनेडा, यूके जैसे साथियों से यूक्रेन को एंटी टैंक मिसाईल, तोप, तकनीक और पैसा मिलना।
इतने लंबे संघर्ष के बाद तो ये भी कहा जाने लगा कि रूस ने पंगा लेकर गलती कर दी, रूस की फौज थक चुकी है।
कितनी मौतें हुईं?
ब्रिटेन की डिफेंस मिनिस्ट्री ने अंदाज़ा लगाया कि इस जंग में रूस के कुल करीब साढे तीन लाख सैनिक मारे गए या ज़ख्मी हुए। लेकिन कभी रूस की तरफ से कोई आंकड़ा जारी नही हुआ।
कई अंदाज़े लगाए गए कि रूस में करीब पचास हज़ार रूसी सैनिकों की कब्रें गिनी गईं हैं पर आधिकारिक आंकड़े सामने नहीं आए
अमेरिका का दावा है कि यूक्रेन के 70,000 से 120,000 सैनिक मारे गए।पर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि जंग के दो साल बाद हमारे 31,000 सैनिक मारे गए।
ज़ेलेंस्की ने नरेंद्र मोदी को जब कोसा
पिछले दिनों रूस के दौरे पर गए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज़ेलेंस्की ने जम कर कोसा। पुतिन को गले लगाते हुए तस्वीर के सामने आने के बाद कहा कि बहुत ज़्यादा निराशा हुई विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को दुनिया के सबसे ख़ूनी अपराधी को गले लगाते देखना। ये शांति प्रयासों के लिए बहुत बड़ा झटका है।
रूस के खिलाफ़ यूरोपियन यूनियन और अमेरिका की मदद से यूक्रेन अब भी डटा हुआ है। पर एक बात तो तय है कि रूस जैसे ताकतवर देश के सामने टिके रहना अपने आप में बड़ी बात है।
एक कामेडियन कह कर ज़ेलेंस्की पर हंसने वाले उन्हे अब गंभीरता से लेते हैं।
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