Monkeypox: दुनिया में मंकीपॉक्स का खतरा, देश के सभी एयरपोर्ट और बॉर्डर पर अलर्ट जारी
ब्यूरोः दुनिया भर में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने एयरपोर्ट, बंदरगाहों और सीमा अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। हालांकि, 3 केंद्रीय अस्पताल सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग को ऐसी स्थिति से निपटनी के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए है और साथ में किसी भी संक्रमित व्यक्ति के पाए जाने की स्थिति में अन्य सुविधाओं की तरह आइसोलेशन की तैयारी कर रहे हैं।
बता दें कि अफ्रीकी देश कांगो में इस बीमारी से 16 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। जबकि 570 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कांगो सरकार ने अमेरिका और जापान से टीकों का अनुरोध किया है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दो साल में दूसरी बार मंकीपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। बताया जा रहा है कि अमेरिका ने संक्रमण से निपटने के लिए कांगो से 50 हजार वैक्सीन देने को कहा है।
वहीं, अधिकारियों ने कहा कि हमने एयरपोर्ट, बंदरगाहों और बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं को अलर्ट कर दिया है। तीन केंद्रीय अस्पतालों में सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और लेडी हार्डिंग जैसे आइसोलेशन की सुविधाएं होंगी।
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमपॉक्स के नए प्रकार पर विशेषज्ञों के साथ बैठक की, जो पिछले मंकीपॉक्स वायरस से अलग है। सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताह हमने राज्यों और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के साथ बैठक की थी। एमपॉक्स का कोविड से कोई संबंध नहीं है। नोडल अधिकारी पहले से ही अस्पतालों में हैं। 32 आईसीएमआर केंद्रों पर जांच की सुविधा उपलब्ध है। एमपॉक्स के लक्षण चिकनपॉक्स जैसे हैं। उन्होंने कहा कि मृत्यु की संभावना अधिक है, लेकिन भारत को प्रभावित करने की संभावना कम है। यह बीमारी चकत्ते के साथ होती है।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने बैठक
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने एमपॉक्स के लिए देश की तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक समीक्षा बैठक की। उच्च स्तरीय बैठक के दौरान, यह जानकारी दी गई कि देश में एमपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। वर्तमान आकलन के अनुसार, निरंतर संचरण के साथ बड़े पैमाने पर प्रकोप का जोखिम कम है। हालांकि, शीघ्र पता लगाने और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उन्नत निगरानी उपाय किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अफ्रीका के विभिन्न भागों में इसके प्रसार के कारण Mpox को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। हालांकि, इस समय WHO द्वारा कोई यात्रा सलाह जारी नहीं की गई है।