Wetland Virus: चीन में मिला नया वायरस, सीधे दिमाग को करता है खराब, जानिए इसके लक्षण

By  Deepak Kumar September 9th 2024 03:13 PM

ब्यूरोः दुनिया अभी कोरोना वायरस से उभर रही थी, लेकिन इसके बाद चीन में एक नया टिक-जनित वायरस खोजा गया है, जिसे वेटलैंड वायरस कहा जाता है। ये वायरस दिमागी बीमारियों का कारण बन सकता है। इस वायरस को पहली बार जून 2019 में चीन के जिनझोउ प्रांत में पाया गया था। कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि व्यक्ति वेस्टलैंड के एक पार्क में गया था, जहां उसे वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 4 सितंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में इनर मंगोलिया के वेटलैंड पार्क में टिक के काटने के बाद एक मरीज को लगातार बुखार और कई अंगों के खराब होने की शिकायत के साथ भर्ती कराया गया था। वैज्ञानिकों ने दावा किया कि मरीज में अगली पीढ़ी के अनुक्रमण से पहले से अज्ञात ऑर्थोनेरोवायरस के संक्रमण का पता चला। बाद में वायरस को वेटलैंड वायरस (WELV) नाम दिया गया।

17 रोगियों में पाया गया वेटलैंड वायरस

इसके बाद वैज्ञानिकों ने उन लोगों का बड़े पैमाने पर नमूना लेना शुरू किया। रिपोर्ट के अनुसार, रिवर्स-ट्रांसक्रिपटेस-पॉलीमरेज-चेन-रिएक्शन परख के माध्यम से इनर मंगोलिया, हेइलोंगजियांग, जिलिन और लियाओनिंग, चीन के 17 रोगियों में तीव्र WELV संक्रमण की पहचान की गई।

वेटलैंड वायरस के लक्षण

सभी रोगियों में समान लक्षण नहीं दिखे, लेकिन वैज्ञानिकों ने पाया कि उनमें से लगभग सभी में बुखार, चक्कर आना, सिरदर्द, अस्वस्थता, मायलगिया, गठिया और पीठ दर्द की सामान्य शिकायतें थीं। डॉक्टरों को एक अजीब मामला मिला, जिसमें एक मरीज में न्यूरोलॉजिक लक्षण थे। रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य प्रयोगशाला निष्कर्ष ल्यूकोपेनिया, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और ऊंचा डी-डिमर और लैक्टेट डिहाइड्रोजनेज स्तर थे। 8 रोगियों से प्राप्त किए गए दीक्षांत-चरण के नमूनों के सीरोलॉजिकल मूल्यांकन ने WELV-विशिष्ट एंटीबॉडी टिटर दिखाए जो तीव्र-चरण के नमूनों की तुलना में 4 गुना अधिक थे।

बेहद खतरनाक हो सकता वायरल

शोधकर्ताओं ने क्षेत्र के वन रेंजरों के रक्त के नमूनों का भी विश्लेषण किया। करीब 640 लोगों में से सिर्फ 12 में वेटलैंड वायरस के प्रति एंटीबॉडी मिली। वहीं एक मरीज कोमा में भी चला गया। हालांकि सभी रोगी उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं। शोध में पता चला है कि कुछ मामलों में यह वायरस बेहद खतरनाक हो सकता है।

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