तूफान बेरिल के कारण बारबाडोस में फंसी टीम इंडिया, जानिए कब तक लौटेगी स्वदेश

By  Deepak Kumar July 2nd 2024 01:45 PM -- Updated: July 2nd 2024 02:29 PM

ब्यूरोः टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम तूफान बेरिल के कारण बारबाडोस में फंसी हुई है। इस तूफान के कारण स्थानीय हवाई अड्डे को बंद करना पड़ा है, जिससे टीम के प्रस्थान में देरी हो रही है। रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम, सहयोगी स्टाफ, बीसीसीआई अधिकारियों और खिलाड़ियों के परिवारों के साथ पिछले 2 दिनों से मैदान में ही है।

मैं हवाई अड्डे के कर्मियों के संपर्क में रही हूं: मिया मोटली

वहीं, बारबाडोस की प्रधानमंत्री मिया मोटली ने घोषणा की कि हवाई अड्डे के "अगले 6 से 12 घंटों" के भीतर चालू होने की उम्मीद है और उड़ानें शुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है और हम आज बाद में इसके चालू होने की दिशा में काम कर रहे हैं। मैं इसके बारे में पहले से कुछ नहीं कहना चाहती, लेकिन मैं हवाई अड्डे के कर्मियों के संपर्क में रही हूं और वे अब अपनी अंतिम जांच कर रहे हैं, और हम तत्काल सामान्य परिचालन फिर से शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार को एक और तूफान आने वाला है और इसलिए फंसे हुए भारतीय खिलाड़ी और उनके परिवार, बीसीसीआई के अधिकारी और सहयोगी कर्मचारी आज यानी मंगलवार को रवाना किया जाएगा।

तूफान बेरिल का प्रभाव

तूफान बेरिल ने सोमवार को बारबाडोस और आस-पास के द्वीपों में जानलेवा हवाएं और तूफान लाया, जिसके कारण रविवार शाम से लॉकडाउन लागू है। लगभग 3 लाख की आबादी वाला बारबाडोस बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रधानमंत्री मॉटली ने सुरक्षा उपायों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि (हम) यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि बारबाडोस में हर कोई सुरक्षित रहे, बारबाडोस के लोग और निश्चित रूप से क्रिकेट विश्व कप के लिए आए सभी आगंतुक सुरक्षित रहें।

मॉटली ने कहा कि तूफान हमसे 80 मील दक्षिण में था, जिससे तट पर नुकसान का स्तर सीमित हो गया। लेकिन जैसा कि आप देख सकते हैं, हमारे तटीय बुनियादी ढांचे और तटीय संपत्तियों को बहुत नुकसान पहुंचा है। उन्होंने चल रहे पुनर्प्राप्ति प्रयासों पर जोर देते हुए कहा कि यह बहुत बुरा हो सकता था, लेकिन अब पुनर्प्राप्ति और सफाई करने का समय है। 

वहीं, बीसीसीआई सचिव जय शाह, जो बारबाडोस में भी हैं। उन्होंने चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा कि आप लोगों की तरह हम भी यहां फंसे हुए हैं। सबसे पहले, हमें यह देखना होगा कि खिलाड़ियों और सभी को यहाँ से सुरक्षित कैसे निकाला जाए, और फिर हम भारत पहुँचने पर सम्मान के बारे में सोचेंगे।

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