Nag Panchami 2024: नाग पंचमी के द‍िन क्‍यों नहीं बनाई जाती रोटी? जानिए इसके पीछे का धार्मिक कारण

By  Rahul Rana August 9th 2024 08:14 AM -- Updated: August 20th 2024 06:52 PM

ब्यूरो: नाग पंचमी नागों या साँपों की पूजा के लिए समर्पित एक पूजनीय त्यौहार है, और इसे भारत, नेपाल और अन्य क्षेत्रों में हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म के लोग इन धार्मिक परंपराओं के साथ मनाते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण के चंद्र महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाने वाला यह दिन इन पवित्र प्राणियों का सम्मान करता है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे सुरक्षा प्रदान करते हैं और समृद्धि लाते हैं। यह त्यौहार भगवान शिव के साथ जुड़ाव पर भी जोर देता है, जिन्हें अक्सर अपने गले में साँपों के साथ दर्शाया जाता है, जो इन पूजनीय प्राणियों पर उनके प्रभुत्व का प्रतीक है। 

नाग पंचमी 2024: तिथि और समय

2024 में नाग पंचमी का महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार शुक्रवार, 9 अगस्त को यानि आज मनाया जा रहा है। 

पंचांग के अनुसार, शुभ समय इस प्रकार हैं:

नाग पंचमी पूजा मुहूर्त: 9 अगस्त, 2024 को सुबह 06:15 बजे से 08:44 बजे तक

पंचमी तिथि आरंभ: 8 अगस्त, 2024 को सुबह 12:36 बजे

पंचमी तिथि समाप्त: 9 अगस्त, 2024 को सुबह 03:14 बजे

नाग पंचमी 2024: इतिहास

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, परीक्षित के पुत्र जन्मजेय ने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया, जिन्हें नाग तक्षक ने मार डाला था। उनका उद्देश्य पूरे नाग वंश को नष्ट करना था। इस विनाश को रोकने के लिए, ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि ने हस्तक्षेप किया और यज्ञ को रोक दिया। यह महत्वपूर्ण घटना श्रावण शुक्ल पंचमी को हुई थी, जिस दिन को अब नाग वंश के संरक्षण के सम्मान में नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

नाग पंचमी 2024: महत्व

नाग पंचमी नागों की पूजा करने के लिए समर्पित एक अत्यधिक पूजनीय त्योहार है, जो नाग देवता हैं। इस पवित्र दिन पर, भक्त अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और गहरी भक्ति और विश्वास के साथ अपने परिवारों के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। हिंदू धर्म में नागों का महत्व बहुत गहरा है, जिसमें वासुकी और शेष जैसे उल्लेखनीय व्यक्ति व्यापक रूप से पूजे जाते हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, ऋषि कश्यप और दक्ष की बेटी कद्रू सभी नागों के माता-पिता हैं। सबसे बड़े शेष के बाद वासुकी, मनसा और अन्य नाग हुए। जहाँ कई कहानियों में नागों को उग्र रूप में दर्शाया गया है, वहीं उनके अनुयायियों की सच्ची भक्ति से उन्हें आसानी से प्रसन्न करने की भी कहानियाँ हैं।

नाग पंचमी 2024: पूजा विधि

नाग पंचमी पर, भक्त पवित्र स्नान करके खुद को शुद्ध करते हैं। वे पूजनीय नागों का सम्मान करने के लिए मंदिर परिसर के भीतर मंदिरों और साँपों के गड्ढों में जाते हैं। व्रत रखना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इससे भक्तों को नाग देवता को प्रसन्न करने और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद मिलती है। नाग देवता की पूजा करने से सांपों के डर को दूर करने और बुरी शक्तियों से सुरक्षा पाने में मदद मिलती है। इस दिन भक्तों को खेती या अन्य उद्देश्यों के लिए ज़मीन खोदने से बचना चाहिए। इसके बजाय, वे शुद्धता और श्रद्धा का प्रतीक दूध डालकर चींटी के टीले और साँप के गड्ढे की पूजा करते हैं। नाग देवताओं को प्रसन्न करने और नाग दोष को कम करने के लिए मंदिरों में नाग पूजा की जाती है। तले हुए खाद्य पदार्थों से परहेज़ और केवल उबले हुए या भाप से पकाए गए प्रसाद का सेवन करने के साथ सख्त आहार व्यवस्था का पालन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भक्ति का यह सरल कार्य उन लोगों के लिए शांति, समृद्धि और सांत्वना लाता है जो ईमानदारी से त्योहार मनाते हैं।

आज के दिन नहीं बनाते रोटी ?

नाग पंचमी के द‍िन भगवान श‍िव और उनके गले में बैठे वासुना नाग की पूजा की जाती है। इस दिन नागों को दूध प‍िलाने की भी प्रथा है। लेकिन इस द‍िन घर में रोटी बनाने की मनाही होती है। दरअसल राहु ग्रह की शांति के लि‍ए ही नागों की पूजा की जाती है। उस द‍िन व‍िशेषकर लोहे का उपयोग नहीं करना चाहिए। यानी इस द‍िन लोहे के तवे का इस्‍तेमाल करना भी वर्ज‍ित माना जाता है। क्‍योंकि रोटी स‍िर्फ लोहे के तवे पर ही बनती है, इसल‍िए इस दिन रोटी न बनाने की मान्‍यता होती है। तवे (लोहा) को राहू का कारक माना जाता है। यद‍ि इस दिन तवे का इस्‍तेमाल क‍िया जाए तो राहू दोष लगने की संभावना या राहु खराब हो सकता है। आपको बता दें कि स‍िर्फ नाग पंचमी ही नहीं, ह‍िंदू धर्म में कई अन्‍य त्‍याहारों जैसे मकर संक्रांति, शरद पूर्णिमा और दीवाली के दिन भी रोटी नहीं बनाई जाती है। 


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