इसलिए हो रही है उत्तर भारत में पानी की किल्लत! वैज्ञानिकों ने बताया कारण

By  Rahul Rana June 19th 2024 03:47 PM

ब्यूरो: हिमालय में लगातर बर्फ कम हो रही है। जिसकी वजह से गंगा नदी बेसिन में बर्फ लगभग 17 फीसदी कम है। मतलब गंगा नदी में 17 फीसदी जलप्रवाह कम हो गया है। साल 2018 में यह कमी 15 फीसदी दर्ज की गई थी। यह जानकारी नेपाल की इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) ने अपनी रिर्पोट में दी है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में रहने वाले लगभग 25 करोड़ लोगों के लिए हिमालय का बर्फ ही प्रमुख जल का स्रोत है। हिंदुकुश हिमालय से 23 फ़ीसदी बर्फ पिघलने से 12 प्रमुख नदी बेसिन में पानी आता है। 

12 प्रमुख नदी बेसिन 

अमु दारया नदी बेसिन, ब्रम्हपुत्र नदी बेसिन, हेलमंड नदी बेसिन, सिंधु नदी बेसिन, इरावड्डी नदी बेसिन, मेकॉन्ग नदी बेसिन, सालवीन नदी बेसिन, तारीम नदी बेसिन, 

गंगा नदी बेसिन 

पिछले 22 सालों में गंगा नदी के जलप्रवाह में बहुत परिर्वतन आया है। साल 2015 में बेसिन में 25.6 फीसदी बर्फ जमा थी। साल 2018 में 15.2 फीसदी यानि सबसे कम बर्फ जमा थी। साल 2024 में यह 17 फीसदी हो गई है। 

क्या है पानी की कमी की असली वजह 

वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुऐ कहा कि बर्फ पिघलने से इस क्षेत्र की 12 प्रमुख नदी घाटियों को कुल जल प्रवाह का एक चौथाई हिस्सा हासिल होता है। यह शोधकर्ता, नीति निर्माताओं और लोगों के लिए एक चेतवानी है। बर्फ के कम जमाव और बर्फ के स्तर में उतर–चढ़ाव की वजह से पानी की कमी का खतरा बढ़ गया है। वैज्ञानिकों की माने तो जलवायु परिवर्तन के कारण अनियमित वर्षा हो रही है। मौसम के पैटर्न में बदलाव हो रहा है। इस वर्ष हिंदुकुश और हिमालय क्षेत्र में बर्फ का लेवल सामान्य से लगभग पांचवा हिस्सा नीचे चला गया है। गंगा नदी बेसिन में इस साल पानी 17 फीसदी कम है। जिसके कारण बर्फ पिघलने पर निकलने वाले पानी पर निर्भर रहने वाले करोड़ों लोगों के लिए पानी की कमी का खतरा बढ़ गया है।

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