Chardham Yatra 2024: चार धाम यात्रा अस्थायी रूप से रोकी, गढ़वाल क्षेत्र में भारी बारिश का अलर्ट जारी
ब्यूरोः उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण चार धाम यात्रा अस्थायी रूप से रोकी गई है। दरअसल आईएमडी ने उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के जिलों में 7 और 8 जुलाई को भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसको देखते हुए गढ़वाल आयुक्त उत्तराखंड एवं चार धाम यात्रा प्रशासन संगठन के अध्यक्ष विनय शंकर पांडे ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए चार धाम यात्रा अस्थायी रूप से रोकी दी है। साथ में आयुक्त ने सभी तीर्थयात्रियों से अनुरोध है कि वे यात्रा मार्ग पर आगे न बढ़ें और 7 जुलाई को अपने स्थानों और पड़ावों पर ही रहें। सोमवार को मौसम की स्थिति के आधार पर यात्रा खोलने का निर्णय लिया जाएगा।
रविवार और सोमवार को पंजीकरण रहा स्थगित
चार धाम यात्रा के गढ़वाल क्षेत्र के जिलों से गुजरने के मद्देनजर रविवार और सोमवार को भी तीर्थयात्रियों के लिए ऑफलाइन पंजीकरण स्थगित रखा गया था। चार धाम यात्रा प्रशासन के एक अधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि यात्रा प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और भलाई के लिए यह निर्णय लिया है। सभी तीर्थयात्रियों से अपील की गई थी कि वे 7 जुलाई को ऋषिकेश से अपनी यात्रा शुरू न करें और जिन स्थानों पर वे पहुंच गए हैं, वे मौसम साफ होने तक वहीं विश्राम करें। मौसम की स्थिति का आकलन करने के बाद कुछ तीर्थयात्रियों को जाने की अनुमति दी गई।
सोमवार की सुबह मौसम में कुछ सुधार हुआ, इसलिए कुछ तीर्थयात्रियों को एहतियात के साथ आगे बढ़ने की अनुमति दी गई, फिर भी पंजीकरण काउंटर बंद रखे गए। बाद में, मौसम की स्थिति बिगड़ने लगी और फिर से रुद्रप्रयाग, पौड़ी और चमोली क्षेत्रों में भारी बारिश शुरू हो गई, इसलिए हमने तीर्थयात्रियों को आगे बढ़ने से पूरी तरह रोक दिया। उन्होंने आगे कहा कि बद्रीनाथ राजमार्ग फिर से कई स्थानों पर बंद है।
बारिश के कारण पर्यटन प्रभावित
उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन, बाढ़ और मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। इससे उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। मसूरी, नैनीताल और ऋषिकेश जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि होटल बुकिंग अब 70 प्रतिशत तक गिर गई है। उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा कि मानसून के दौरान, पर्यटन को रद्दीकरण और होटलों में कम अधिभोग दरों के रूप में झटके का सामना करना पड़ता है।