CM मोहन यादव का आदेश, नर्मदा किनारे नहीं होगा मांस-मदिरा का उपयोग, ड्रोन से रखी जाएगी नजर
ब्यूरोः शुक्रवार, 13 सितंबर को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Government) के मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने सुशासन भवन में कैबिनेट बैठक बुलाई थी। बैठक को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने मां नर्मदा नदी (Narmada River) में पानी को स्वच्छ और अविरल (Water Of Narmada River) बनाए रखने के लिए कार्य योजना बनाने की बात कही। बैठक में सीएम मोहन यादव ने मां नर्मदा नदी को प्रदेश की जीवन रेखा बताते हुए नर्मदा किनारे के धार्मिक नगरों और स्थानों पर मांस और शराब का सेवन पूरी तरह से बंद करने के सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं।
नर्मदा नदी के किनारे बंद होगा मांस और शराब का उपयोग
बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नर्मदा नदी के किनारे या उसके आसपास के धार्मिक नगरों और धार्मिक स्थलों पर मांस और शराब का सेवन पूरी तरह से बंद किया जाए। सरकार ने नदी में मशीनीकृत खनन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश भी दिया। सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में नर्मदा नदी के तट पर 430 प्राचीन शिव मंदिर और दो शक्तिपीठ हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सैटेलाइट इमेजरी और ड्रोन तकनीक से भी नर्मदा नदी के आसपास की गतिविधियों पर नजर रखी जानी चाहिए। नर्मदा नदी की सफाई के संबंध में उन्होंने मां नर्मदा की स्वच्छता को बनाए रखते हुए अपशिष्ट निपटान के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करने की सिफारिश की।
मध्य प्रदेश में मां नर्मदा
1,312 किमी लंबी नर्मदा नदी, जो अमरकंटक से शुरू होकर खंभात की खाड़ी में बहती है, मध्य प्रदेश में 1,079 किमी लंबी है। नर्मदा के तट पर 21 जिले, 68 तहसीलें, 1138 गाँव और 1126 घाट हैं। नर्मदा के तट पर 430 प्राचीन शिव मंदिर और दो शक्तिपीठ हैं।