Kathua terror attack: जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 'कश्मीर टाइगर्स' ने ली जिम्मेदारी, 5 जवान शहीद, 5 घायल

By  Rahul Rana July 9th 2024 09:36 AM

ब्यूरो: पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के छद्म संगठन कश्मीर टाइगर्स ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के सुदूर माचेडी इलाके में भारतीय सेना के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। सोमवार (8 जुलाई) को भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने गश्त कर रहे एक दल पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक जूनियर कमीशन अधिकारी समेत कम से कम पांच सैन्यकर्मी मारे गए और इतने ही घायल हो गए।

गौरतलब है कि कठुआ जिले में एक महीने के भीतर यह दूसरी बड़ी आतंकी घटना है। इससे पहले 12 और 13 जून को भी इसी तरह की मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो आतंकवादी और एक सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।

'कश्मीर टाइगर्स' ने ली जिम्मेदारी

कश्मीर टाइगर्स ने एक बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा, मुजाहिदीन ने ग्रेनेड और स्नाइपर राइफल का इस्तेमाल किया। हमले के बाद मुजाहिदीन सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब रहे। अब तक की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में 7 पकड़े गए अधिकारी मारे गए और 6 घायल हुए। यह हमला डोडा (2024-06-26) में शहीद हुए तीन मुजाहिदीन का बदला है। जल्द ही और भी विनाशकारी हमले किए जाएंगे। कश्मीर की आजादी तक युद्ध जारी रहेगा।


कठुआ आतंकी हमला

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के सुदूर माचेडी इलाके में सोमवार को भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने गश्त कर रहे एक दल पर घात लगाकर हमला किया। आतंकवादियों ने कठुआ शहर से करीब 150 किलोमीटर दूर लोहाई मल्हार के बदनोटा गांव के पास माचेडी-किंडली-मल्हार रोड पर दोपहर करीब साढ़े तीन बजे एक नियमित गश्ती दल के एक सेना के ट्रक को ग्रेनेड और गोलियों से निशाना बनाया।

हमले के बाद आतंकवादी पास के जंगल में भाग गए, जबकि पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों की मदद से सेना ने जवाबी कार्रवाई की। सेना के वाहन पर हमला हुआ, जिसमें दस लोग सवार थे, जिसके परिणामस्वरूप एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित पांच सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए। पांच अन्य को चिकित्सा उपचार के लिए पठानकोट सैन्य अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।

आतंकवादी हमले के बाद जम्मू और कश्मीर के कठुआ जिले के बदनोटा गांव में वर्तमान में तलाशी अभियान चल रहा है।


हाल के महीनों में आतंकवादियों द्वारा किए गए घात और हमलों की वजह से जम्मू क्षेत्र का पारंपरिक रूप से शांतिपूर्ण माहौल बिगड़ गया है, खासकर पुंछ, राजौरी, डोडा और रियासी के सीमावर्ती जिलों में। माना जाता है कि आतंकवादी गतिविधियों में यह उछाल क्षेत्र में आतंकवाद को फिर से जीवित करने के पाकिस्तानी आकाओं के प्रयासों से जुड़ा है।

यह आतंकवादी हमला एक महीने में जम्मू क्षेत्र में हुआ पांचवां हमला था। दो दशक से अधिक समय पहले आतंकवाद का सफाया होने के बाद यह फिर से वापस आ गया है।

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