77 सालों में भारत ने तकनीकी क्षेत्र में गाड़े झंडे, स्पेस और सूचना क्षेत्र में आई नई क्रांति
ब्यूरोः भारत की आजादी को 77 साल पूरे होने जा रहें हैं। आज भारत का झंडा हर क्षेत्र में लहरा रहा है। भारत ने इन 77 सालों की यात्रा में अनेक उतार-चढ़ाव देखें, शून्य से शिखर तक का सफर तय किया। रक्षा, विदेश, विज्ञान, खेल, तकनीक, सूचना क्रांति और स्पेस आदि क्षेत्रों में भारत ने दुनियां को अपना लौहा मनवाया। आजादी के बाद भारत की एक लंबी विकास यात्रा रही है। दुनियां की 17% आबादी वाला यह देश दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। लगभग दो सदी तक ब्रिटिश शासन के बाद, भारत को 1947 में आजादी मिली। अंग्रेजों ने भारत को एक गरीब, आश्रित, अविकसित, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े राष्ट्र के रूप में छोड़ा। लेकिन भारत ने साल 1947 से अपनी नई यात्रा की शुरुआत की। भारत ने अपने इतिहास और साझी विरासत के बल पर 77 सालों में तरक्की के रास्ते पर खूब झंडे फहराये।
1947 के बाद से तकनीकी सफलता
आजादी के बाद के शुरुआती सालों में, भारत के तकनीकी परिदृश्य की विशेषता भारी उद्योगों और बुनियादी ढांचों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना था। बड़ी सफलताओं में बीएचईएल (भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की स्थापना शामिल है। इन उपकरणों की मदद से स्वदेशी विनिर्माण क्षमताओं की नींव रखी गई।
अंतरिक्ष और रक्षा प्रगति
साल 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना के बाद भारत की अंतरिक्ष और तकनीकी यात्रा में अहम मोड़ आया। आर्यभट्ट और चंद्रयान तथा मंगलयान मिशनों के सफल परिक्षण ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की क्षमता को दिखाया।
सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति और तकनीक की दुनियां में बड़ा कदम
1990 के दशक में भारत एक वैश्विक आईटी हब के रूप में उभरा। बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक सिटी जैसे प्रौद्योगिकी पार्कों की स्थापना ने भारत के आईटी बूम की नींव रखी। जिसमें इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसी कंपनियां वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभरीं।
तकनीकी इनोवेशन के क्षेत्र में बढ़ता भारत
दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक आईडी प्रणाली आधार, भारत के तकनीकी नवाचार का एक प्रमुख उदाहरण है। इससे सभी भारतीय निवासी को एक 12-अंकीय पहचान संख्या प्रदान करके पहचान प्रबंधन को बदल दिया।
यूपीआई और डिजिटल पेमेंट क्रांति
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने भारत के वित्तीय क्षेत्रों में क्रांति ला दी है। भारत का फिनटेक इकोसिस्टम फला-फूला और UPI डिजिटल वित्तीय समावेशन के लिए एक वैश्विक मॉडल बन गया। इस रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम ने सहज फंड ट्रांसफर को सक्षम बनाया, जिससे डिजिटल भुगतान को व्यापक रूप से अपनाया गया।
मंगल पर भारत
इसरो के मंगल ऑर्बिटर मिशन (मंगलयान) ने भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की क्षमता का उदाहरण पेश किया। इसने भारत को मंगल ग्रह की कक्षा में पहुँचने वाला पहला एशियाई देश और ऐसा करने वाली दुनिया की चौथी अंतरिक्ष एजेंसी बना दिया।