गैंगस्टर से राजनेता बने अनंत सिंह मेडिकल आधार पर 15 दिन की पैरोल पर रिहा

By  Naveen Negi May 5th 2024 05:45 PM -- Updated: May 5th 2024 05:47 PM

पटना:  बिहार के गैंगस्टर से नेता बने अनंत सिंह को रविवार को मेडिकल आधार पर 15 दिन की पैरोल पर पटना की बेउर जेल से रिहा कर दिया गया। मोकामा से पांच बार के विधायक को इलाज के लिए पटना के आईजीआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी पत्नी, नीलम देवी, वर्तमान में मोकामा विधानसभा सीट से विधायक हैं। 

वह 2019 के एक शस्त्र अधिनियम उल्लंघन मामले में बेउर जेल में 10 साल की सजा काट रहे थे। उनके खिलाफ नव संशोधित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) (यूएपीए) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन्हें एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई थी।

रविवार को जेल से रिहा होने के बाद अनंत सिंह का भारी संख्या में समर्थकों ने स्वागत किया। मोकामा विधानसभा क्षेत्र मुंगेर लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है, जहां 13 मई को मतदान होगा, जबकि बिहार की 40 सीटों पर सभी सात चरणों में मतदान हो रहा है।

2019 में, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने 40 में से 39 सीटें जीतकर राज्य में जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस ने सिर्फ एक सीट जीती। राज्य की मजबूत ताकत राजद अपना खाता खोलने में विफल रही। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने राजीव रंजन (ललन) सिंह को मुंगेर से मैदान में उतारा है।

कौन हैं बाहुबली अनंत सिंह?

पूर्व विधायक अनंत सिंह का नाम ही बिहार के बाहुबलियों में गिना जाता है। उनकी गिनती भूमिहर नेताओं में होती है। वह साल 1996, 1998 और 1999 लोकसभा चुनावों में नीतीश कुमार के साथ खड़े रहे। 2005 में नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के टिकट पर उन्हें मोकामा विधानसभा से उतारा था। उनकी आपराधिक छवि के कारण अनंत सिंह की खूब छीछालेदर हुई थी।

वह 2005 से मोकामा विधानसभा सीट से विधायक हैं। 2015 में जब लालू और नीतीश साथ आए तो अनंत सिंह ने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया। साल 2015  का विधानसभा चुनाव तो उन्होंने जेल से लड़ा था। उन्होंने एक दिन भी प्रचार नहीं किया, लेकिन बावजूद इसके वो 18,000 से ज्यादा वोटों से जीत गए।

अनंत सिंह पर दुष्कर्म, हत्या, वन्यजीवों की तस्करी और अवैध रूप से हथियार रखने के कई मामले दर्ज हैं। 16 अगस्त, 2019 को पुलिस को उनके घर से एके 47 राइफल, हैंड ग्रेनेड और जिंदा कारतूस बरामद हुए थे।

इसके बाद, उन्होंने दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। वो 23 अगस्त, 2019 से न्यायिक हिरासत में थे।

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