किसानों का चंडीगढ़ कूच, कैबिनेट मंत्री के कार्यालय के समक्ष दिया धरना, तहसीलदार को सौंपा मांग पत्र
ब्यूरो: भारतीय किसान यूनियन और पंजाब खेत मजदूर यूनियन ने आज से चंडीगढ़ में एक बड़ा विरोध मार्च शुरू किया है, जो 5 सितंबर तक जारी रहेगा। यूनियनें कृषि नीति बनाने और किसानों के लिए कर्ज माफी समेत आठ प्रमुख मांगों को लेकर दबाव बना रही हैं।
अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां समेत यूनियन नेताओं ने विरोध के महत्व पर जोर देते हुए इसे बड़े पैमाने पर प्रदर्शन बताया। चंडीगढ़ प्रशासन ने सेक्टर 34 दशहरा मैदान में विरोध प्रदर्शन की अनुमति दे दी है।
इस विरोध प्रदर्शन के साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने 2 सितंबर को किसान पंचायत का आयोजन किया है। यह समय पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत के साथ मेल खाता है, जहां यूनियनें सरकार को मांग पत्र सौंपने की योजना बना रही हैं। सत्र 4 सितंबर को समाप्त होने की उम्मीद है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई पर फैसला लेने के लिए 5 सितंबर को यूनियन की बैठक होगी।
किसान अपने परिवारों के साथ विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं और सरकार की निष्क्रियता पर निराशा व्यक्त कर रहे हैं। पिछले डेढ़ साल से लगातार मांग के बावजूद कृषि नीति बनाने में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। इस मुद्दे पर विचार करने के लिए गठित समिति ने पिछले साल अक्टूबर में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। किसान नेता सरकार की नीतियों को दोषी ठहराते हैं और आरोप लगाते हैं कि सरकार किसानों और मजदूरों की जरूरतों के बजाय कॉरपोरेट हितों और ताकतवर समूहों को प्राथमिकता दे रही है।