ईडी ने झारखंड के मंत्री के सचिव के घर समेत कई ठिकानों पर मारा छापा, 20 करोड़ से अधिक की नकदी जब्त
झारखंड: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के घर सहित रांची में कई स्थानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में संजीव लाल के नौकर के पास से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई, जिसकी एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी तक बरामद नकदी की मात्रा 20 से 30 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। ईडी की टीम द्वारा नकदी की गिनती के लिए कई मशीनें लगाई गई हैं। आलमगीर आलम झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री हैं।
बताया जा रहा है कि यह छापेमारी झारखंड ग्रामीण विकास विभाग में कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की चल रही जांच के सिलसिले में है।
इस मामले में विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र के राम को पिछले साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था। ईडी द्वारा बिहार और दिल्ली के साथ-साथ रांची, जमशेदपुर और झारखंड के अन्य स्थानों पर कई तलाशी शुरू करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
2019 में वीरेंद्र के राम के एक नौकर के पास से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। बाद में, ईडी ने धन शोधन निवारण (पीएमएलए) अधिनियम के तहत यह मामले को अपने हाथ में ले लिया था। इस बीच, भाजपा ने मांग की है कि आलमगीर आलम को तुरंत हिरासत में लिया जाए और नकदी बरामदगी को लेकर सख्ती से पूछताछ की जाए।
झारखंड भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा, नकदी बरामदगी से एक बार फिर साबित हो गया है कि कांग्रेस काले धन के कारोबार में उलझी हुई है। झारखंड सरकार के भ्रष्टाचार की अंतहीन कहानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अभी कुछ दिन पहले कांग्रेस के एक सांसद के घर और ऑफिस से करीब 300 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे।
उन्होंने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत के करीबी पंकज मिश्रा के सहयोगियों और अब मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के घर से 25 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की जानी चाहिए। उन्हें तुरंत हिरासत में लिया जाए और उनसे सख्ती से पूछताछ की जानी चाहिए और ईडी द्वारा इस पैसे के संबंध का पता लगाया जाना चाहिए।
दरअसल, पिछले साल दिसंबर में इनकम टैक्स ने ओडिशा और झारखंड में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के दौरान ईडी ने 300 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त थी, जो अब तक किसी भी एजेंसी द्वारा एक ही ऑपरेशन में पकड़ा गया सबसे अधिक कालाधन था। इससे पहले ईडी 2022 में ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी सहयोगी पंकज मिश्रा को 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार कर चुकी है।