जातीय जनगणना से समाज की एकता और अखंडता को खतरा, चुनावी इस्तेमाल को लेकर RSS का बड़ा बयान

By  Rahul Rana September 2nd 2024 03:08 PM

ब्यूरो: आरएसएस ने जातीय जनगणना पर पर महत्वपूर्ण बयान दिया है। संगठन ने समाज की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए जातीय जनगणना को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं, जबकि महिला सुरक्षा के लिए नए कदम उठाने की बात कही है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने जातीय जनगणना को लेकर बड़ा बयान दिया है। आरएसएस ने इसे एक संवेदनशील मुद्दा बताते हुए कहा कि जातीय जनगणना से समाज की एकता और अखंडता को खतरा हो सकता है। पंच परिवर्तन के तहत इस पर चर्चा की गई है, और संगठन ने निर्णय लिया है कि मास लेवल पर समरसता को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जाएगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि, ‘जातीय जनगणना संवेदनशील विषय हैं। इससे समाज की एकता और अखंडता को खतरा है। पंच परिवर्तन में इसको लेकर चर्चा की गई हैं। हम मास लेवल पर समरसता को लेकर काम करेंगे।

हमारे समाज में जातिगत प्रतिक्रियाओं का संवेदनशील मुद्दा है और यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन जाति जनगणना का इस्तेमाल चुनाव प्रचार और चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए और विशेष रूप से दलित समुदाय की संख्या जानने के लिए सरकार उनकी संख्या की गणना कर सकती है।


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