Bridge Collapses in Saran: बिहार के सारण में एक और पुल ढहा, पिछले 16 दिनों में 10वीं घटना
ब्यूरोः आज यानी गुरुवार को बिहार में एक और पुल ढह गया। पिछले 16 दिनों में राज्य में इस तरह की यह 10वीं घटना है। जानकारी के अनुसार घटना सारण से हुई, जहां पिछले 24 घंटों में दो और पुल ढह गए। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। बता दें ये पुल गंडकी नदी पर बना यह छोटा पुल बनियापुर ब्लॉक में स्थित था और सारण के कई गांवों को पड़ोसी सिवान जिले से जोड़ता था। बता दें इससे पहले बुधवार को सारण जिले में दो छोटे पुल एक जनता बाजार इलाके में और दूसरा लहलादपुर इलाके में ढह गए।
किसी के हताहत होने की खबर नहींः जिला मजिस्ट्रेट
इस घटना को लेकर जिला मजिस्ट्रेट अमन समीर ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा 15 साल पहले बनाए गए पुल के आज सुबह ढह जाने से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि यह छोटा पुल 15 साल पहले बना था। मैं मौके पर जा रहा हूं। जिला प्रशासन के कई अन्य अधिकारी पहले ही वहां पहुंच चुके हैं। पुल ढहने का सही कारण अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन हाल ही में गाद निकालने का काम शुरू किया गया है। डीएम ने कहा कि जिले में इन छोटे पुलों के ढहने का कारण जानने के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
इन जिलों में ढहे पुल
स्थानीय लोगों के अनुसार, जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण ये छोटे पुल ढह गए। पिछले 16 दिनों में सिवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिलों में कुल 10 पुल ढह गए हैं।
पुल ढहने की घटनाओं पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सड़क निर्माण और ग्रामीण कार्य विभागों को राज्य के सभी पुराने पुलों का सर्वेक्षण करने और तत्काल मरम्मत की आवश्यकता वाले पुलों की पहचान करने के निर्देश दिए थे। इसके एक दिन बाद ये घटना हुई है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को रखरखाव नीतियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की थी और कहा था कि सड़क निर्माण विभाग ने पहले ही अपनी पुल रखरखाव नीति तैयार कर ली है और ग्रामीण कार्य विभाग को जल्द से जल्द अपनी योजना तैयार करनी चाहिए।
बिहार पुल ढहने पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर
बिहार में हाल ही में बने निर्माणाधीन और पुराने सभी पुलों का संरचनात्मक ऑडिट कराने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में बिहार सरकार को सभी मौजूदा और निर्माणाधीन पुलों की निरंतर निगरानी और सभी मौजूदा पुलों की स्थिति पर एक व्यापक डेटाबेस बनाए रखने के लिए उच्च स्तरीय विशेषज्ञों वाली एक स्थायी संस्था स्थापित करने के निर्देश देने की मांग की गई है। वकील ब्रजेश सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत को तत्काल विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि पिछले दो वर्षों के भीतर बिहार में तीन प्रमुख निर्माणाधीन पुल और पुल ढहने की कई अन्य घटनाएं हुई हैं।