Kolkata Rape-Murder Case: कलकत्ता HC का आदेश, महिला डॉक्टर से रेप और हत्या केस की CBI करेगी जांच

By  Deepak Kumar August 13th 2024 04:26 PM -- Updated: August 13th 2024 04:53 PM

ब्यूरो: कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को वआरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी है।

अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था महिला डॉक्टर का शव 

बता दें द्वितीय वर्ष की पीजी मेडिकल छात्रा का शव शुक्रवार को अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला और प्रारंभिक पोस्टमार्टम से पता चला कि उसकी हत्या से पहले उसका रेप किया गया था। कोलकाता पुलिस ने मामले के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और उस पर हत्या और बलात्कार का मामला दर्ज किया है और सोमवार को एक स्थानीय अदालत ने उसे 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य की पीठ ने मामले को केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की मांग करने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जांच सीबीआई को सौंप दी। इसके अलावा कलकत्ता हाईकोर्ट ने आंदोलनकारी डॉक्टरों से काम बंद न करने का आग्रह किया और कहा कि उनका 'पवित्र दायित्व' है। बता दें इस मामले पर पूरे देश में लगातार दूसरे दिन भी राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि पीड़ित डॉक्टर की हत्या इतनी जघन्य थी कि डॉक्टरों और इंटर्न का अपनी पीड़ा जाहिर करना जायज था।

हाईकोर्ट ने पीड़िता के माता-पिता को मुख्य याचिकाकर्ता बनाया

पीड़िता के माता-पिता ने भी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें कहा गया था कि अगर राज्य पुलिस को जांच करने की अनुमति दी जाती है, तो पूरी संभावना है कि जांच पटरी से उतर जाएगी और मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र निकाय को निर्देश देने की मांग की ताकि सबूतों के साथ छेड़छाड़ न हो। पीठ ने मामले को सीबीआई को सौंपते हुए पीड़िता के माता-पिता को मामले में मुख्य याचिकाकर्ता बनाया।

हाईकोर्ट ने कहा कि उसने सभी याचिकाओं में प्रार्थनाएं पढ़ी हैं और यह देखना निराशाजनक है कि अस्पताल प्रशासन, मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप कुमार घोष  सक्रिय नहीं थे। पीठ ने कहा कि यह रिकॉर्ड में है कि उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उनके इस्तीफे पर क्या आदेश पारित किए गए और इसके बजाय 22 अगस्त को सबसे कम संभव समय के भीतर उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का प्रिंसिपल बना दिया गया। 

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