Budget 2024: एजुकेशन सेक्टर के लिए क्या होगा खास, पिछले 5 सालों में शिक्षा पर कितना खर्च?

By  Rahul Rana July 21st 2024 05:52 PM -- Updated: July 21st 2024 09:48 PM

ब्यूरो: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई को संसद में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना सातवां बजट पेश करेंगी। इसी के साथ वे सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वालीं वित्त मंत्री का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लेंगी। इससे पहले यह रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम पर था। देशभर के लोगों को इस बार के बजट से खासी उम्मीदें हैं। देश का मध्यम वर्ग बजट से इनकम टैक्स, शिक्षा, स्वास्थ्य सेक्टर में राहत की उम्मीदें लगाए बैठा है। कयास लगाए जा रहें हैं कि बजट 2024 में शिक्षा को ज्यादा किफायती और लोगों की पहुंच तक बनाने पर जोर दिया जाएगा। 

विकसित भारत 2047 के लक्ष्य पर आधारित बजट से शिक्षा क्षेत्र को काफी आस है। स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, कोचिंग इंस्टीट्यूट और स्किल डेवलपमेंट सेंटर बजट में कुछ बड़े की उम्मीद कर रहें हैं। साथ ही शिक्षा सेवा पर लगने वाली जीएसटी में छूट की मांग भी जारी है। विशेषज्ञों के अनुसार शिक्षा सेवा पर 18 फीसदी जीएसटी को घटाना चाहिए, तभी शिक्षा की पहुंच सभी तक आसानी से हो पाएगी। अगर शिक्षा पर कुल जीडीपी की खर्च की बात करें तो वर्तमान में भारत अपनी कुल जीडीपी का 4.6 प्रतिशत खर्च करता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षा पर खर्च को बढ़ाकर 5 या 6 फीसदी करना जरूरी है। 

पिछले 5 सालों का शिक्षा बजट

साल 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा बजट में सालाना 5 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इसे बढ़ाकर 99 हजार 300 करोड़ रुपये कर दिया था। साथ ही कौशल विकास को फोकस में रखते हुए 3 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये थे।

वित्त वर्ष 2021-22 के शिक्षा बजट में कुल 93 हजार 224 रुपये आवंटित किये गए थे। जिसमें स्कूली शिक्षा के लिए 54 हजार 874 करोड़ रुपये और उच्च शिक्षा के लिए 38 हजार 351 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।

साल 2022 के लिए शिक्षा मंत्रालय को कुल 1 लाख 4 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे। 

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार ने शिक्षा मंत्रालय के लिए कुल 1 लाख 12 हजार करोड़ रुपये निर्धारित किये थे। जोकि पिछले साल के मुकाबले 13 फीसदी ज्यादा थे। 

अंतरिम बजट 2024

सरकार की तरफ से इस साल के फरवरी महीने में पेश किए गए अंतरिम बजट में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के लिए कुल 73 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये थे। जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ये बजट लगभग 68 हजार करोड़ रुपये था। सरकार ने स्कूलों को मॉडल स्कूलों में बदलने के लिए पीएम श्री के लिए अंतरिम बजट में 6 हजार 50 करोड़ रुपये निर्धारित किये थे। जबकि यह राशि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 2 हजार 800 करोड़ रुपये थी। यानि इसमें 3 हजार 250 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई थी।

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